नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से दिल्ली के राजघाट तक की 3000 किलोमीटर की यात्रा शुरू करते हुए सड़क पर उतर गए हैं। उनकी इस ‘गांधी शांति यात्रा’ को आज राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हरी झंडी दिखाई। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के रास्ते दिल्ली में 30 जनवरी को समाप्त होने वाली इस यात्रा की शुरुआत पर अभिनेता एवं कांग्रेसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि अगर महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण जैसे महान नेता आज होते तो पता नहीं भाजपा के ट्रोल उनके साथ क्या करते। देशहित में सच्चाई का साथ देने वाले किसी को भी निशाना बनाना ट्रोल्स के लिए कोई बड़ी बात नहीं, बल्कि बिजनेस है। ट्रोल खुद राष्ट्र विरोधी चीजें करते हैं, लेकिन दूसरों को राष्ट्र विरोधी बताते हैं। उनके लिए न तो यह बड़ी चीज है, न बुरी।
यात्रा की शुरुआत करते हुए यशंवत सिन्हा ने कहा है कि हम एनआरसी और सीएए के विरोध में यह मार्च कर रहे हैं। यह राज्य सरकारों की ओर से प्रायोजित हिंसा के भी खिलाफ है। रास्ते में हम लोगों से बात करेंगे। अंबेडकर जी के संविधान की रक्षा करेंगे। देश का दोबारा बंटवारा और गांधी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे। गांधी शांति यात्रा के दौरान सिन्हा द्वय, केंद्र सरकार से एनआरसी लागू नहीं करने की मांग करते हुए सीएए, एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दा भी उठाने जा रहे हैं। गौरतलब है कि कभी दोनों नेता भाजपा में रहे हैं लेकिन कुछ सालवर्षों से दोनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा पर यशवंत सिन्हा कह चुके हैं कि केंद्र सरकार पूरे देश को कश्मीर बनाने पर तुली है।