भारत के 71वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने जैर मेसियस बोल्सोनारो ने दिसंबर 2018 में ब्राजील के राष्ट्रपति का चुनाव जीता। जनवरी 2019 में उन्होंने पदभार संभाला। दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करनेवाले बोल्सोनारो ने लेफ्ट सरकार को हटाकर सत्ता हासिल की थी। भारत द्वारा उन्हें न्योता दिए जाने का इसलिए भी विरोध हो रहा है। ऐमजॉन के जंगलों में फैली आग के लिए भी बोल्सोनारो को जिम्मेदार ठहराया जाता है। एक वर्ग का कहना है कि ऐसा उनकी पॉलिसीज की वजह से हुआ।
ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो अपने निजी विचारों को लेकर भी विवादों में रहते हैं। महिलाओं और होमोसेक्सुअल लोगों के लिए उनके विचार लोगों को नहीं भाते। उन्होंने ब्राजील की भरी संसद में बहस के बीच विपक्ष की नेता मारिया डो रोजारियो पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि, ‘मैं तुम्हारा रेप नहीं करूंगा क्योंकि तुम इसके लायक नहीं हो।’ निंदा के बावजूद उन्होंने माफी नहीं मांगी थी।
राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान जैर मेसियस बोल्सोनारो पर चाकू से हमला हो गया था। कैंपेनिंग के दौरान चाकू उनके पेट में मारा गया था। 2017 में एक स्पीच के दौरान उन्होंने कहा था, ‘मेरे पांच बच्चे हैं। इनमें से चार मर्द हैं। पांचवी संतान कमजोरी के वक्त पैदा हुई जो लड़की हुई।’
2002 की बात है। ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति फर्नेंडो कारडोसो गे राइट्स के लिए लड़ रहे थे। तब उन्होंने इस अभियान का हिस्सा बनने से इनकार किया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं इसके लिए नहीं लड़ूंगा। अगर मैंने दो मर्दों को किस करते हुए देखा तो उन्हें वहीं पीटूंगा।’
राष्ट्रपति बोल्सोनारो रिफ्यूजियों पर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। 2015 में उन्होंने रिफ्यूजियों को धरती का मैल तक बता दिया था। बोल्सोनारो के भारत दौरे के विरोध की वजह एक और है। वह है गन्ना। दरअसल, शुगर की ग्लोबल मार्केट में ब्राजील भारत का प्रतियोगी है। ब्राजील अकसर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में भारत के खिलाफ बात रख चुका है। इसमें वह कहता है कि भारत गन्ना किसानों की तय लिमिट से बाहर जाकर मदद करता है।