देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. इस तरह विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने वाला पश्चिम बंगाल देश का चौथा राज्य बन गया. इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा चुका है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी माकपा और कांग्रेस से राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया.
ममता बनर्जी ने प्रस्ताव पर विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि एनपीआर, एनआरसी और सीएए आपस में जुड़े हुए हैं और नया नागरिकता कानून जन-विरोधी है. उन्होंने मांग की कि कानून को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए. सीएए जन विरोधी है, संविधान विरोधी है. कांग्रेस और वाम मोर्चा को उनकी सरकार के खिलाफ अफवाह फैलाना बंद करना चाहिए. समय आ गया है कि हम अपने मतभेदों को भुलाकर देश को बचाने के लिए मिलकर संघर्ष करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर कांग्रेस और माकपा की आलोचनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दीदी-मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं’ वाला नारा विपक्षी दलों पर ही भारी पड़ेगा. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि दिल्ली में एनपीआर की बैठक में शामिल नहीं होने का साहस हमारी सरकार में है और अगर भाजपा चाहे तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर सकती है. मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने प्रस्ताव पारित कर दिया.