भारतीय रेलवे कल, शुक्रवार, 15 मई से स्पेशल वातानुकूलित गाड़ियों के लिए वेटिंग टिकट भी बुक करने जा रही है। साथ ही स्लीपर कोच वाली स्पेशल गाड़ियां और अधिक संख्या में चलाने की तैयारियां चल रही हैं। इस बीच केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने देश के सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि उनके जो लोग वापस आना चाह रहे हैं, उन्हें आने दीजिए। अर्थव्यवस्था फिर तेजी से आगे बढ़ेगी, सबको काम फिर मिल जाएगा लेकिन इसके लिए सभी राज्यों को मिलजुलकर काम करना चाहिए। अपने लोगों को सुरक्षित घर जाने दीजिए। लोगों की स्टेशन पर जांच कीजिए। कोई दिक्कत हो तो उन्हें अस्पताल लेकर जाइए।
रेलमंत्री का कहना है कि भारतीय रेलवे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रोज तकरीबन 300 गाड़ियां चला सकती है लेकिन कई राज्य ये सुविधा ले ही नहीं रहे हैं। वे अपने यहां के लोगों को बुलाना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में क्या किया जा सकता है। ‘मैं अपने सभी मजदूर भाई-बहनों को बताना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे स्पष्ट निर्णय देकर यह सुविधा सुनिश्चित की है कि 300 गाड़ियां रोज चल सकती हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से चलकर आपको ये गाड़ियां घर पहुंचा सकती हैं। ऐसी 1200 गाड़ियां हमने सुरक्षित रखी हैं लेकिन मैं ये ट्रेनें पहुंचा नहीं पा रहा हूं। कई राज्य ट्रेनों को आने नहीं दे रहे हैं।’
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा, ‘यूपी में 300 से ज्यादा गाड़ियां चली गईं। बिहार में 170 गाड़ियां गईं। गृहमंत्री के पत्र लिखने के बावजूद पश्चिम बंगाल में शुरू में 9 मई तक सिर्फ 2 गाड़ियां ली गई थीं। एक तो अजमेर शरीफ राजस्थान से और एक एर्नाकुलम से। गृहमंत्री की चिट्ठी के बाद हमें पता चला कि 8 गाड़ियों की परमिशन 8 तारीख को दी गई है। 9 तारीख की दोपहर तक इस परमिशन का कुछ पता ही नहीं था। आपको बता दूं कि पश्चिम बंगाल में 8 गाड़ियां भी नहीं ली गईं। 13 तारीख की दोपहर 3 बजे तक सिर्फ 7 गाड़ियां देश के अलग-अलग हिस्सों से पश्चिम बंगाल के लिए निकल पाई हैं। गाड़ियां खाली पड़ी हैं लेकिन हम भेज नहीं पा रहे हैं।’
बताया गया है कि 15 मई यानी शुक्रवार से अगर आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट या उसके ऐप से टिकट बुक करेंगे तो वेटिंग टिकट भी मिलेंगे। अब तक सिर्फ कन्फर्म टिकटों की ही बुकिंग हो रही थी। एसी स्पेशल इन ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट वाले टिकट 22 मई या उसके बाद की यात्राओं के लिए होंगे। एसी चेयरकार और 3AC में अधिकतम 100-100 वेटिंग टिकट तो 2AC में 50 वेटिंग टिकट जारी होंगे। एग्जिक्यूटिव क्लास और 1AC में अधिकतम 20-20 वेटिंग टिकट जारी होंगे।
रेलवे भले ही कल से वेटिंग टिकट भी जारी करे लेकिन ऐसे टिकट वालों को यात्रा की इजाजत कतई नहीं होगी। चार्ट बनने तक जो वेटिंग टिकट कर्नफर्म हो चुके होंगे, सिर्फ उन्हीं से यात्रा की जा सकेगी। वेटिंग वाले टिकट या चार्ट बनने तक या तो कन्फर्म होंगे या फिर वेटिंग ही रहेंगे यानी उनका स्टेटस आरएसी या रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन नहीं होगा।
अब सवाल उठता है कि जब वेटिंग टिकट वालों को स्पेशल ट्रेनों में यात्रा की इजाजत नहीं होगी तो इन्हें जारी ही क्यों किया जाएगा। इसकी वजह है। रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ यात्री आखिरी क्षणों में टिकट कैंसल करा रहे हैं। यही वजह है कि कल से वेटिंग टिकट भी जारी होंगे ताकि अगर आखिरी क्षणों में कुछ कन्फर्म टिकट कैंसल होंगे तो उनकी जगह वेटिंग टिकट कन्फर्म हो जाएंगे। चार्ट तैयार होने तक वेटिंग के जो टिकट कन्फर्म नहीं होंगे, उसका रिफंड मिलेगा।
यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद ही यात्रा की इजाजत है। अगर यात्रा से पहले किसी यात्री में कोरोना जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो उसे ट्रेन में सवार नहीं होने दिया जाएगा। संबंधित यात्री को टिकट का फुल रिफंड भी दिया जाएगा। सरकार रणनीति के तहत धीरे-धीरे यात्री रेल सेवा को बहाल करने की ओर बढ़ रही है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जिनमें स्लीपर कोच भी होंगे। इसके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। रेल मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी सर्कुलर में भी इस बात के स्पष्ट संकेत मिलते हैं।
बुधवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘यह फैसला लिया गया है कि इन स्पेशल ट्रेनों या भविष्य में उचित समय पर चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों में आरएसी टिकट नहीं जारी होंगे। स्लीपर कोच के लिए अधिकतम 200 वेटिंग टिकट, एसी चेयर कार और 3 एसी के लिए 100-100 वेटिंग टिकट, 2AC के लिए 50 और एग्जिक्यूटिव क्लास व 1AC के लिए अधिकतम 20-20 वेटिंग टिकट जारी होंगे।’