देवभूमि की एक और ‘गोल्डन गर्ल’ ने पूरी दुनिया में उत्तराखंड का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) के कनालीछीना विकासखंड के रणुवा गांव की मुक्केबाज निवेदिता कार्की ने स्वीडन के बोरोस में अंतरराष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया है। उन्होंने फाइनल में आयरलैंड की मुक्केबाज को पराजित कर यह उपलब्धि अपने नाम की है। 30 जनवरी से 3 फरवरी तक हुई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में निवेदिता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 किग्रा भार वर्ग में आयरलैंड की कैरलैग मारिया को 5-0 से पराजित कर दिया। इससे पहले निवेदिता सितंबर 2019 में रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय जूनियर बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 46-48 किग्रा भार वर्ग में कांस्य और सितंबर 2018 में नागपुर में आयोजित सब जूनियर बालिका वर्ग की राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 46-48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
इस समय निवेदिता का परिवार देहरादून के शिमला बाईपास इलाके में रहता है। बिटिया की इतनी बड़ी कामयाबी से मां पुष्पा कार्की फूली नहीं समा रही हैं। निवेदिता के पिता बहादुर सिंह कार्की इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नई दिल्ली में इमीग्रेशन ऑफिसर हैं। गौरतलब है कि निवेदिता कार्की की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी रहा, जब उन्होंने बॉक्सिंग में अपना करियर आजमाने के लिए बोर्ड का 10वीं का एग्जॉम तक छोड़ दिया था। अब उनकी कामयाबी से घर-परिवार अथवा पिथौरागढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य का माथा ऊंचा हो गया है। निवेदिता ने अपनी उम्र के सोलहवें वर्ष में ही यह विश्व खिताब हासिल कर लिया है। निवेदिता की पढ़ाई लिखाई द एशियन एकेडमी पिथौरागढ़ से हुई है। कोच प्रकाश जंग थापा ने उन्हे पिथौरागढ़ के देवसिंह मैदान में बॉक्सिंग का हुनर दिया। आवासीय बालिका बॉक्सिंग क्रीड़ा छात्रावास पिथौरागढ़ में प्रशिक्षक सुनीता मेहता से भी ट्रेनिंग मिली। इसी दौरान, 10वीं क्लास में पढ़ते हुए पिछले साल मार्च में उनका नेशनल एकेडमी रोहतक (हरियाणा) में सेलेक्शन हो गया था। वह इस समय रोहतक की ही 10वीं की छात्रा हैं। उनको वहां की नेशनल एकेडमी प्रशिक्षक भाष्कर चंद्र भट्ट ट्रेनिंगदे रहे हैं।