अमेरिका ने भारत की स्पेशल फ्लाइट्स को एंट्री देने से मना कर दिया है। 22 जून को जारी यह आदेश 30 दिन के अंदर लागू हो जाएगा। ब्लूमबर्ग मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारत एविएशन से जुड़े एग्रीमेंट को तोड़ रहा है। कोरोना के बीच भारत ने इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू नहीं की हैं, लेकिन वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट्स लगा रखी हैं।
अमेरिका के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि भारत सरकार ने दूसरे देशों से अपने लोगों को लाने के लिए एयर इंडिया के प्लेन लगा रखे हैं, लेकिन एयर इंडिया टिकट भी बेच रही है। दूसरी ओर अमेरिकी एयरलाइंस के लिए भारत में रोक लगी हुई है। इससे अमेरिकी एयरलाइंस को कॉम्पिटीशन में नुकसान हो रहा है। अमेरिका का आरोप है कि एयर इंडिया कोरोना वायरस से पहले की तुलना में 50% ज्यादा फ्लाइट्स के शेड्यूल का विज्ञापन कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि एयरलाइन अपने देश के लोगों की वापसी के नाम पर धोखा कर रही है।
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्ट का कहना है कि भारतीय एयरलाइंस को अमेरिका में ऑपरेशन से पहले हमें बताना चाहिए, ताकि उन पर नजर रख सकें। अब रोक हटाने पर तभी विचार करेंगे, जब भारत में अमेरिकी एयरलाइंस को ऑपरेशन की छूट मिलेगी। अमेरिका ने कुछ हफ्ते पहले चीन की एयरलाइंस पर भी रोक लगाई थी। बाद में 15 जून को दोनों के बीच एग्रीमेंट हुआ कि दोनों तरफ से हफ्ते में 4 फ्लाइट्स की इजाजत होगी।
उत्तराखंड में पासपोर्ट के लिए नए दिशा निर्देश
इधर, विदेश मंत्रालय के आदेश पर उत्तराखंड क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट बनान के संबंध में नया दिशा-निर्देश जारी किया है कि पासपोर्ट बनाने के लिए एड्रेस और आईडी प्रूफ के रूप में राशन कार्ड भी मान्य होगा। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ऋषि अंगिरा के मुताबिक, इससे पहले तक पासपोर्ट बनाने के लिए आईडी के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, बिजली का बिल, रेंट एग्रिमेंट लेटर, गैस कनेक्शन आदि मान्य होते थे। नए दिशा निर्देशों के मुताबिक, राशन कार्ड को मान्यता दी गई है।
यह भी बताया गया है कि लिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) के लिए अब फिर से पुलिस सत्यापन कराना होगा। पहले पूर्व में बने पासपोर्ट के आधार पर ही पासपोर्ट कार्यालय की ओर से पीसीसी जारी कर दी जाती थी। अब यह नियम भी बदल गया है। विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट विभाग ने दोबारा जारी होने वाले (री इश्यू) पासपोर्ट के आवेदन में जन्मतिथि के प्रमाण के नियमों में शिथिलता दी है। अब पुराने पासपोर्ट के आधार को ही जन्म प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार कर लिया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में 24 जून से पब्लिक इंक्वायरी सिस्टम खोलने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय के निर्देश पर मंगलवार से तत्काल पासपोर्ट के लिए आवेदन और बायोमीट्रिक सत्यापन भी शुरू कर दिया गया है।