अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद दुनिया के कई शहरों में लोग विरोध जताते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। अमेरिका के कई शहरों के अलावा, लंदन, बर्लिन, टोरंटो में विरोध हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी तख्तियों पर “ब्लैक लाइव्स मैटर” के नारे लिख कर अमेरिकी पुलिस की क्रूरता का विरोध कर रहे हैं। जॉर्ज फ्लॉयड मिनेसोटा के मिनेपोलिस में रहते थे, उनकी मौत के बाद से वहां हिंसा का दौर जारी है। स्टोर में लूटपाट और आगजनी की घटनाए दर्ज की जा रही हैं। राज्य के गवर्नर ने लोगों से संयम बरतने को कहा है। अमेरिका के कई राज्यों में हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाओं के बाद नेशनल गार्ड की तैनाती की गई है। फ्लॉयड की मौत के आरोपी पुलिस अधिकारी पर कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है।
फ्लॉयड की हिरासत में मौत के बाद पिछले छह दिनों से अमेरिका में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मिनेसोटा के मिनेपोलिस में पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने के दौरान फ्लॉयड सांस नहीं ले पा रहे थे। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अमेरिका के कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 15 राज्यों और वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जॉर्ज फ्लॉयड की याद में दीवार पर एक बड़ी सी पेंटिंग बनाई गई है। फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के विरोध में शनिवार को बर्लिन में हजारों लोगों ने अमेरिकी दूतावास के बाहर मार्च निकाला।
कोरोना वायरस महामारी के बीच भी लोग अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। कुछ लोग वायरस से बचने के लिए लगाए जाने वाले मास्क पहने दिख रहे हैं जिन पर “मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं” लिखा हुआ है। लंदन में भी बड़े पैमाने पर लोग विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए और नस्लवाद के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ प्रदर्शनकारी बेहद भावुक दिखे। कुछ लोगों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी जिसपर लिखा था नस्लवाद महामारी है।