भारत सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को एक महीने तक बढ़ाने का फ़ैसला लिया है। इसके तहत अगले एक महीने के दौरान कैंटनमेंट ज़ोन से बाहर के इलाक़ों में चरणबद्ध ढंग से सभी चीज़ों को खोला जाएगा। पहले चरण में आठ जून से धार्मिक स्थल और पूजा अर्चना के केंद्र, होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटलिटी के क्षेत्र और शॉपिंग माल्स खोले जाएंगे. सरकार इसे अनलॉक चरण एक कह रही है। दूसरे चरण में स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, ट्रेनिंग सेंटर, कोचिंग सेंटर को राज्य सरकार के साथ विचार करके खोला जाएगा।
गृह मंत्रालय की ओर से बाद में इस बात को लेकर गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए होटल-रेस्टोरेंट और मॉल खुलेंगे। वैसे केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को इजाजत दी हुई है कि वह अपने हिसाब से भी अगर जरूरी लगे तो पाबंदियां लगा सकते हैं। यानी जरूरी नहीं कि आपके घर के पास वाला मॉल या फिर आपका फेवरेट रेस्टोरेंट खुले ही। अगर राज्य सरकार या जिला प्रशासन को संक्रमण का खतरा दिखता है तो वह पाबंदी जारी रख सकते हैं।
वैसे तो मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन, फिजिकल डिस्टेंसिंग, स्क्रीनिंग करना सबके लिए जरूरी होगा, लेकिन फिर भी अलग-अलग जगहों के लिए कुछ अलग-अलग नियम हो सकते हैं। हालांकि, इसके लिए गृह मंत्रालय की तरफ से कुछ नियम भी जारी किए जाएंगे। किसी भी रेस्टोरेंट में काफी पास-पास टेबल रखी होती हैं। ऐसे में जब अनलॉक वन के पहले चरण में रेस्टोरेंट खुलेंगे तो कुछ नई व्यवस्था देखने को मिल सकती है। या तो टेबल काफी दूर-दूर लगाने होंगे या फिर हर टेबल को एक चैंबर या केबिन में बदलना होगा, जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रहे और रेस्टोरेंट का नुकसान भी ना हो। साथ ही लगातार सैनिटाइजेशन करते रहना होगा।
किसी भी मॉल में खूब भीड़ देखने को मिलती है। हो सकता है कि मॉल में उपस्थित सुरक्षा कर्मी अनलॉक 1 के तहत लोगों पर लगातार नजर रखेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएंगे। मॉल के दुकानदारों को हिदायत दी जा सकती है कि वह सैनिटाइजर तो रखें ही, साथ ही दुकान में अधिक लोगों को जमा ना होने दें। मुमकिन है कि उल्लंघन करने पर दुकानदार पर जुर्माने का भी प्रावधान हो। होटल में तो भीड़ अधिक नहीं होती है, लेकिन एक ही कमरे, तौलिये आदि को कई लोग इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में होटलों को खास हिदायत होगी कि वह सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखें। साथ ही अगर अधिक लोग एक जगह इकट्ठा नहीं होने की सलाह दी जा सकती है। बिना स्क्रीनिंग के किसी को भी होटल में रखने की इजाजत को लेकर भी कुछ नियम बन सकता है।