उत्तर प्रदेश के एक सरकारी बालिका संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कानपुर के एक राजकीय बालिक संरक्षण गृह में रहने वाली लड़कियों में कोरोना के लक्षण दिख रहे थे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब इन लड़कियों की जांच करानी शुरू की तो पता चला कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं। एक को एचआईवी है तो एक लड़की हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त है।
कानपुर स्थित इस राजकीय बाल संरक्षण गृह की 57 लड़कियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद इन लड़कियों को कोरोना के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने जांच में पाया कि दो 17 साल की लड़कियां गर्भवती हैं। प्रेग्नेंट होने के साथ ही एक लड़की एचआईवी और एक हेपेटाइटिस सी के संक्रमण से ग्रसित है।
प्रशासन ने अब इस बालिका गृह को सील कर दिया है। साथ ही यहां के स्टाफ को क्वारंटाइन कर दिया गया है। डॉक्टरों ने गर्भवती लड़कियों के बारे में जब पुराने रिकॉर्ड के लिए संपर्क किया तो अधिकारियों के पास कुछ था ही नहीं। अधिकारियों का कहना है कि ये कब बालिक गृह आईं इसकी जानकारी नहीं है।
पिछले साल बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था। कानपुर की घटना को भी मुजफ्फरपुर से जोड़कर देखा जा रहा है। खासकर इस बात पर सवाल उठना लाजिमी है कि 8 महीने तक शेल्टर होम में रह रहीं इन दोनों बच्चियों के गर्भवती होने की जानकारी वहां के प्रबंधन को कैसे नहीं हो पाई? यही नहीं, इन दोनों बच्चियों में से एक के एचआईवी पीड़ित होने से मामला और संगीन होता नजर आ रहा है। आपको बता दें कि दूसरी बच्ची में हेपेटाइटिस-सी के लक्षण पाए गए हैं। फिलहाल दोनों बच्चियों को शहर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
बालिका संरक्षण गृह की दो बच्चियों के गर्भवती होने का मामला सामने आने के बाद जब मामले की पड़ताल शुरू हुई, तो पहले बताया गया कि दोनों लड़कियां बिहार-झारखंड की हैं। बाद में बालिका संरक्षण गृह की ओर से सफाई दी गई कि ये दोनों यूपी के मुजफ्फरनगर से कानपुर लाई गई थीं। पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि इसी साल दोनों को कानपुर लाया गया लेकिन ये गर्भवती कैसे हुईं, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं दी जा रही है।
महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर का कहना है, “सीएम योगी ने इस मामले में कानपुर डीएम से बात की है और रिपोर्ट मांगी है। बालिका गृह में काफी लड़कियां पॉक्सो एक्ट में आती हैं। बच्चियां कम उम्र की होती हैं और उन्हें वहां रखा जाता है। राजकीय बालगृह में किसी भी आदमी का जाना वर्जित है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा है कि दोनों किशोरियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रग्नेंट थीं। जिनकी वजह से वह गर्भवती हुई हैं, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। एक लड़की कन्नौज और दूसरी आगरा की है। लड़कियां वस्तुतः कहां की हैं, इस जानकारी में भी झोल है।