बुधवार को 11 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। उत्तरकाशी निवासी युवक 15 मई को अपने तीन साथियों के साथ दिल्ली से वापस लौटा था। संदिग्ध के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक का सैंपल भेजा था, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं, एक अन्य युवक भी मुंबई से उत्तरकाशी लौटा था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही हरिद्वार के रुड़की का एक शख्स भी संक्रमित पाया गया। वह कुछ दिन पहले ही मुंबई से लौटा था और उसका सैंपल लिया गया था, जिसके बाद उसे होम क्वारंटाइन कर दिया था।
टिहरी में लगातार दूसरे दिन कोरोना संक्रमित मरीज मिला है। युवक मंगलावर को मंबई के बोरीवली से वापस लौटा था और भद्रकाली चेकपोस्ट ऋषिकेश में रैंडम सैंपलिंग के दौरान युवक का सैंपल लिया गया था। बुधवार देर शाम आई ऋषिकेश एम्स की रिपोर्ट में युवक कोरोना संक्रमित पाया गया। युवक बीती रात ऋषिकेश से घनसाली पहुंचा था और वहां सैनिक विश्राम गृह में रात रुकने के बाद बुधवार सुबह ही गांव पहुंचा था। इसके बाद उसे स्कूल में क्वारंटाइन कर दिया गया था। स्कूल में यह अकेला ही था। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि युवक गांव में नहीं गया। वहां पर किसी को कोई खतरा नही है। युवक के साथ बस में 22 लोग भी आए हैं उन सभी की जांच की जाएगी।
नैनीताल जिले में दो युवक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आजाद नगर बनभूलपुरा क्षेत्र की 29 साल की युवती कोलाइटिस से ग्रस्त है। उसे बुखार भी है। 18 मई से सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती है, जब उसकी जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसके अलावा 21 वर्षीय लामाचौड का युवक भी करना पॉजिटिव मिला है। 2 दिन पहले उसकी पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव आई थी। वह दिल्ली से लौटे थे।
लगभग दो सप्ताह पहले, जो उत्तराखंड कोरोना संकट पर पूरी तरह काबू पाते हुए अस्पताल में भर्ती लगभग 50 फीसद संक्रमितों को उनके घर भेज चुका था, आज कुछ ही दिनो में पॉजिटिव केस की अंधाधुंध बढ़ती जा रही तादाद ने पूरे राज्य को थर्रा कर रख दिया है। बुधवार सुबह तक दो, दोपह तक 9 और शाम तक कोरोना संक्रमितों की संख्या पढ़कर 15 तक पहुंच गई। इनमें टिहरी में पांच, ऊधमसिंह नगर में चार, उत्तरकाशी-नैनीताल में दो-दो, हरिद्वार-अल्मोड़ा में एक-एक संक्रमित पॉजिटिव पाए गए। अब प्रदेश में कुल संक्रमित संख्या 128 तक पहुंच गई है। यद्यपि इनमें से 55 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं।
उत्तराखंड में अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों में से पॉजिटिव केस मिलने से हालात संगीन हो चले हैं। अब प्रवासियों के संपर्क में आए लोग भी संक्रमित पाए जा रहे हैं। पिछले 11 दिन में प्रदेश में कोरोना के 65 नए केस सामने आ चुके हैं। अब लगभग राज्य के सभी जनपद कोरोना से ग्रस्त हो चुके हैं। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि होम क्वारंटाइन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
हालात बिगड़ने की एक वजह कोरोना संक्रमण पीड़ित द्वारा छिपाया जाना और परीक्षण की रफ्तार तेज न होना भी है। बताया गया है कि मुंबई से अल्मोड़ा पहुंचे दो लोग सीएचसी गरमपानी में जांच कराने के बाद फरार हो गए, जबकि दोनों को नैनीताल क्वारंटाइन सेंटर भेजने की तैयारी की जा चुकी थी। बागेश्वर में कोरोना पॉजिटिव मिले दो मरीजों को विशेष सुरक्षा के बीच बुधवार को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया गया है। जिला प्रशासन पॉजेटिव केस आने के बाद उनके साथियों की हिस्ट्री भी खंगालने लगा है।
कुमाऊं के दो जिले पिथौरागढ़ और चंपावत अब तक कोरोना से मुक्त हैं। अल्मोड़ा में मिला नया केस दिल्ली से रानीखेत लौटा प्रवासी है। पिछले कुछ ही दिनो में एक्टिव केस 21 से तीनगुना बढ़कर 60 से ऊपर जा चुके हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, रुड़की (हरिद्वार) की मोहनपुरा कालोनी निवासी संक्रमित युवक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है। उसे दून अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। मोहनपुरा कालोनी को सील कर दिया गया है। उत्तरकाशी में मिला कोरोना संक्रमित मरीज विगत 16 मई को दिल्ली से तीन लोगों के साथ आया था। तीनों में बुखार के लक्षण होने के बाद जिला अस्पताल में आइसोलेट किया गया था। इनमें एक 38 साल के व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि बाकी दो लोगों में से एक की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
कुमाऊं में अब संक्रमितों की संख्या 50 से ऊपर हो गई है। प्रवासियों की जैसे-जैसे जांच हो रही है, संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। मंगलवार ही जिले में सात लोग कोरोना पॉजिटिव मिलने से खलबली मच गई। इसमें बेतालघाट के छह लोग आठ मई को गुरुग्राम से एक ही बस से लौटे थे। इसमें चार मरीज एक ही परिवार के हैं। वहीं रामपुर से लौटा रामनगर का एक मरीज कोरोना संक्रमित मिला है।
उधर, तीर्थनगरी ऋषिकेश में लॉकडाउन के नियमों का खुला उल्लंघन हो रहा है। सब कुछ मनमाना चल रहा है। लॉकडाउन चार में भी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों के संचालन पर फिलहाल प्रतिबंध है। इसके बावजूद तीर्थनगरी के कुछ क्षेत्रों में ई-रिक्शा बिना अनुमति के दौड़ रहे हैं। ऐसे में जहां कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है, वहीं प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह स्थिति तब है जब उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 113 तक पहुंच चुका है। शहर में धड़ल्ले से ई-रिक्शा सवारियों को ढो रहे हैं। यह ई-रिक्शा कालेज तिराहे से एम्स व विस्थापित क्षेत्र सहित शहर के लिए संचालित हो रहे हैं। कई ई-रिक्शा और मालवाहक वाहन सामान ढोने की आड़ में सवारियों को ढो रहे हैं। इस तरह की लापरवाही कोरोना संक्रमण में भारी पड़ सकती है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी, राजनेता निष्क्रिय बने हुए हैं।
गौरतलब है कि ऋषिकेश क्षेत्र में ही कोरोना के कुल 12 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें एम्स के अलावा चार मामले सिविल सोसाइटी के बीच के हैं। बावजूद इसके शहर में बढ़ रही भीड़-भाड़ और सड़कों पर बढ़ रहा ट्रैफिक सभी के लिए चिंता का विषय है। ऋषिकेश शहर में कई जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। कई जगह दुकानों और सब्जी मंडी में फिजिकल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं। दुकानदारों ने दुकान के बाहर रस्सियां बांधकर इतिश्री कर दी हैं, जबकि रस्सी के बाहर लोग एक-दूसरे से चिपककर खरीदारी करते नजर आ रहे हैं।
ऋषिकेश की सब्जी मंडी में बकायदा फिजिकल डिस्टेंसिंग के लिए राउंड सर्किल बनाए गए हैं, मगर कई लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं। यही नहीं कई लोग तो बिना मास्क के ही शहर में घूमते नजर आ रहे हैं। डोईवाला के डाकघर में खाते खुलवाने के लिए भीड़ बढ़ रही है। यहां पर शारीरिक दूरी के नियम को पालन भी नहीं हो रहा है। ऐसी लापरवाही कोरोना संक्रमण में भारी पड़ सकती है। मिस्सरवाला स्थित डाकघर में रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रमिक खाता खुलने पहुंच रहे हैं। भीड़ बढ़ने के कारण डाकघर में फिजिकल डिस्टेंस का पालन भी नहीं हो रहा है। डाकघर के पोस्टमास्टर कृष्ण गोपाल ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के लोग डाकखाने में खाते खुलने आ रहे हैं।
उधर बाहर से त्यूणी वापस लौटे 16 जमाती समेत 70 लोगों को अलग-अलग जगह होम क्वॉरंटाइन किया है। पिछले कुछ दिनों से जौनसार-बावर के कई ग्रामीण इलाकों में कामकाज के लिए बाहर गए प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों से घर लौट रहे है। सीमांत त्यूणी तहसील क्षेत्र के बावर, देवघार, बाणाधार, केराड, चिल्हाड, डूंगरी, पुरटाड व चकराता के जाड़ी क्षेत्र में अन्य राज्यों से आए करीब 70 प्रवासियों को थाना व राजस्व पुलिस टीम ने होम क्वॉरेंटाइन किया है।
बाहर से लौटे 16 जमातियों में दस जमाती को राइंका त्यूणी में क्वॉरेंटाइन किया है। जुडडो में जल विद्युत परियोजना निर्माण कार्य में लगे बीस मजदूरों को देर से परमिशन मिलने के कारण रात विकासनगर में बितानी पड़ी। झारखंड प्रशासन की ओर से परमिशन मिलने के बाद सभी बस से रवाना हुए, लेकिन एसडीएम से बस वापसी की परमिशन न मिलने पर सभी यहीं अटक गए। सुबह एसडीएम से परमिशन मिलने के बाद सभी मजदूर झारखंड के लिए रवाना हो पाए। कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रेम प्रकाश अग्रवाल, जिलाध्यक्ष संजय किशोर, जिला उपाध्यक्ष हरीश ग्रोवर डोलू अन्य ने उन्हें फल, मास्क बांटे। विभिन्न राज्यों व शहरों से नगर पालिका विकासनगर क्षेत्र में आए 77 प्रवासियों को उनके घरों में ही क्वारंटाइन किया गया है। नगर पालिका प्रशासन की ओर से क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों पर कड़ी निगरानी भी की जा रही है।
विकासनगर पालिका क्षेत्र में बाहरी राज्यों व अन्य जनपदों से आ रहे लोगों की कड़ी निगरानी की जा रही है। अभी तक नगर में पहुंचे ऐसे 77 बाहरी लोगों को उनके घरों में क्वारंटाइन किए जाने की बात पालिका प्रशासन ने कही है। पालिका अध्यक्ष शांति जुंवाठा ने कहा कि वह बाहर से आए लोगों से सुरक्षा के मद्देनजर अपने घरों में ही रहने की अपील भी कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि कोई बाहर से आया हुआ व्यक्ति नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।