इस समय देश की राजधानी दिल्ली दो रंगों में बदरंग हो रही है। एक और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को 21 तोपों की सलामी दी गई तो इधर दंगे की आग में झुलस रही दिल्ली में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय दौरे का आज आखिरी दिन है। वो दो दिवसीय भारत दौरे पर अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका ट्रंप और दामाद जेरेड कुशनेर के साथ आए हैं। ट्रंप ने सोमवार को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम को संबोधित किया। उसके बाद वो ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा चले गए। आगरा से वो दिल्ली पहुंचे। मंगलवार को सबसे पहले डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति भवन पहुंचे, उसके बाद वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी श्रद्धांजलि अर्पित करने राजघाट पहुंचे। फिर वो हैदराबाद हाउस पहुंचे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति ट्रंप को यहां गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। ट्रंप को 21 तोपों की सलामी दी गई।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन पथराव और आगजनी हुई। उपद्रवियों ने मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास दो गुटों में झड़प के दौरान गोलियां चलीं। इस दौरा एक मीडियाकर्मी गोली लगने से जख्मी हो गया। भीड़ ने भजनपुरा और ब्रह्मपुरी इलाके में भी पत्थरबाजी की, गोकलपुरी में फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों समेत कई वाहनों में आग लगाई। इससे पहले सोमवार रात 3 बजे तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आग लगने की 45 कॉल आईं। इससे पहले जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सोमवार को हिंसक झड़पों में हेड कॉन्स्टेबल समेत 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 135 लोग जख्मी हैं।
जीटीबी अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि सोमवार को 5 और मंगलवार को 4 लोगों की मौत हुई। इधर, जाफराबाद और मौजपुर इलाके में पिछले तीन दिन हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस के आला अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान दिल्ली में पीस कमेटी को फिर से सक्रिय करने पर फैसला हुआ। केजरीवाल ने बताया कि गृह मंत्री ने हालात सामन्य करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। उधर, हिंसक घटनाओं को लेकर एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई की मांग की। इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।
सोमवार की हिंसा में जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल को बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई। उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत दिल्ली पुलिस के कई अफसरों ने रतन लाल के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा को लेकर मंत्रालय के अफसरों के साथ गत देर रात तक आपात बैठक की। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की गईं।
ब्रह्मपुरी इलाके में मंगलवार को पथराव के बाद आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। हिंसा में घायल लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जीटीबी अस्पताल में अतिरिक्त स्ट्रैचर मंगाए गए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। बोर्ड और अन्य परीक्षाएं स्थगित की गईं। डीएमआरसी ने आज 5 मेट्रो स्टेशन: जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार बंद किए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, कर्दमपुरी, चांद बाग, भजनपुरा और दयालपुर समेत सभी थाना क्षेत्रों में एक महीने के लिए धारा 144 लागू रही। तीसरे दिन भी हिंसा की घटनाएं हुईं, जिसमें अब तक 9 की मौत हो चुकी है।
उपद्रवियों ने मंगलवार सुबह मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास और ब्रह्मपुरी इलाके में फिर से पत्थरबाजी की, एक फायर ब्रिगेड को आग के हवाले कर दिया। इससे पहले सोमवार को जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक गुट आमने-सामने आ गए थे। यहां कबीर नगर और कर्दमपुरी की तरफ से पथराव होने लगा। हजारों की भीड़ को संभालना पुलिस के लिए चुनौती बन गया, सैकड़ों की संख्या में आंसू गैस के गोले दागे। हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल समेत 9 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले नागरिकों के नाम शाहिद, मोहम्मद फुरकान, राहुल सोलंकी, नजीम, विनोद हैं, जबकि दो की पहचान नहीं हो पाई। 42 साल के विनोद की उसके बेटे मोनू के सामने पत्थर लगने से मौत हुई, जबकि मोनू भी इसमें घायल हुआ है। शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी अनुज कुमार और दमकल कर्मियों समेत 150 लोग घायल हुए। पुलिस ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन कई इलाकों में तनाव है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत शनिवार शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। रविवार को यहां पहली बार हिंसा भड़की। विवाद तब शुरू हुआ, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और सड़क खुलवाने की मांग काे लेकर सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।
भजनपुरा और यमुना विहार के लोगों ने इलाके का माहौल बयां किया। एक बुजुर्ग ने न्यूज एजेंसी को बताया, ”मैं गंगाराम अस्पताल से लौट रहा था, वहां मेरा पोता भर्ती है। सोमवार रात को घर पहुंचना बहुत कठिन था। रास्ते में मुझे कुछ लोग खड़े मिले। मैंने उनसे दोनों हाथ जोड़कर जाने के लिए कहा।” वहीं, भजनपुरा के स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके में पुलिस केवल मेन रोड पर थी। अंदरुनी गलियों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। पुलिस की मौजूदगी में उग्र भीड़ बाजार की ओर बढ़ती गई और पुलिस कुछ नहीं कर पाई। करीब 200 उपद्रवियों ने एक घर को घेरकर तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस मदद के लिए नहीं आई।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने हिंसक घटनाओं पर चर्चा के लिए मंगलवार को सभी 70 विधायकों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिसबल की कमी है। विधायकों ने उन्हें बताया कि पुलिस ने वक्त पर कार्रवाई नहीं की, वे आला अधिकारियों के निर्देशों का इंतजार करते रहे। कई लोग दिल्ली में दूसरे राज्यों से आए थे। हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए दिल्ली के बॉर्डर को सील करने की जरूरत है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।