आज पूरा देश शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है। आतंकियों के इस क्रूर हमले से देश में गुस्से और ग़म का माहौल है। अलग-अलग जगह लोग शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सोमवार रात शहीद हुए 20 सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके गृह राज्य पहुंचने लगे हैं। इतनी बड़ी संख्या में जब एक साथ ये ताबूत रवाना किए गए, सीमा पर प्रहरियों उबाल के साथ आंखें नम हो उठीं। भारतीय सैनिकों ने पार्थिव शरीर रवाना किए जाने से पहले लद्दाख के आर्मी अस्पताल में विदा शहीदों को सलामी दी। इस दौरान उनके शवों पर फूल चक्र चढ़ाए गए। गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15-16 जून की दरमियानी रात को हुई झड़प में भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। 4 जवानों की हालत नाजुक बनी हुई है. लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में ये झड़प 3 घंटे चली। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इसी गलवान में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।
लद्दाख की गलवान घाटी में फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं। बातचीत अबतक बेनतीजा रही है। इस बीच शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर पहुंच रहे हैं। उधर, लद्दाख-चीन बॉर्डर पर सेना अलर्ट पर है। उन्हें फ्री हैंड पहले ही दिया जा चुका है। इस बीच पता चला है कि शहीदों के अंतिम संस्कार की खबरों के बीच लद्दाख बॉर्डर पर हालात सुधारने के लिए आज भारत-चीन के मेजर जनरल स्तर की मीटिंग हो रही है। इससे पहले बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई थी। इसमें कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि अब भारत की सीमा प्रबंधन के लिए शांति बनाए रखने की नीति बदल गई है और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के लिए जब चाहे चले आने का विकल्प खत्म हो गया है। चीन की तरफ से बुधवार को भी गलती नहीं मानी गई। उसका कहना है कि भारतीय सैनिक उनकी तरफ गए, जबकि भारतीय सेना उन्हें आगे आने से रोक रही थी।
गौरतलब है कि भारत-चीन के सैनिकों के बीच सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों में पांच जवान बिहार के हैं। पटना जिले के बिहटा निवासी सुनील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार शाम विशेष विमान से पटना हवाईअड्डे लाया गया। पटना में शहीद सुनील का अंतिम संस्कार हो रहा है। इस बीच उनकी मां ने कहा कि चीन से बदला लिया जाना चाहिए। बेटी ने कहा कि चीनी सामान का बहिष्कार हो और मेरे पापा को सरकार इंसाफ दिलाए। सुनील कुमार पटना के बिहटा के शिकरिया गांव के रहने वाले थे। अन्य शहीदों में समस्तीपुर के अमन कुमार, भोजपुर के चंदन कुमार, सहरसा के कुंदन कुमार शामिल हैं। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश इन शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। वह इस घटना से काफी मर्माहत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के शहीद जवानों का अंतिम संस्कार राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ किया जा रहा है।
आखिरी बार शहीदों को नमन करने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। हर कोई नम आंखों से रणबांकुरों को अंतिम विदाई दे रहा है। मन में कहीं भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है तो आक्रोश भी। शहीद कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ ले जाते समय लोगों ने तुमुल नाद किया – ‘जय जवान, जय किसान’, ‘भारत माता की जय’। बॉर्डर पर चीनी झड़प में शहीद होनेवाले कर्नल संतोष बाबू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, उनका पार्थिव शरीर इस वक्त तेलंगाना में उनके घर पर है। घर पर अंतिम दर्शन को भारी भीड़ जमा है। वह 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। चीन ने सबसे पहले उनपर ही हमला किया था।