लॉकडाउन की वजह से देश भर में स्कूल बंद हैं। ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ ऐसे बच्चे भी हजारों की संख्या में हैं, जिनके पास न तो फोन है, न इंटरनेट। ऐसे में झारखंड के हुसैनाबाद प्रखंड के नावाडीह की सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक विजय कुमार सिंह ने एक अनोखी पहल की। उन्होंने ऐसे छात्रों को गांव में ही पढ़ाने की योजना बनाई। इसके लिए बगीचे को चुना गया, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा सके।
वे बताते हैं- अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बच्चों की पढ़ाई पर चर्चा के दौरान शिक्षकों से कुछ अलग तरीके खोजने की बात होती थी। उसी से यह आइडिया आया। रोज 20-20 बच्चों को दो-दो घंटे पढ़ा रहे हैं।
सहयोगी शिक्षक राम प्रसाद प्रजापति बताते हैं कि इवेंट की तर्ज पर कक्षाओं के हिसाब से ग्रुप बनाकर इन बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। हर ग्रुप को अलग-अलग दिन पढ़ाते हैं, जिससे सभी बच्चों को पढ़ने का अवसर मिल रहा है।
स्कूल के 223 में से सिर्फ 10 बच्चे ऑनलाइन शिक्षा ले पा रहे हैं। यहां सुबह 8 से 10 बजे तक कक्षा चलती है। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाता है। सभी बच्चों को साबुन से हाथ धुलवाने के बाद प्रार्थना कार्यक्रम से पढ़ाई की शुरुआत की जाती है।