करीब एक दशक से जारी हिंसा को खत्म कर शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मकसद से पापुआ न्यू गिनी के बोगेनविले नाम के द्वीप में जनमत संग्रह कराया गया. द्वीप के निवासियों ने सर्वसम्मति से अपनी स्वाधीनता के लिए मत डाले. इस ऐतिहासिक जनमतसंग्रह में इस द्वीप ने पापुआ न्यू गिनी से निकल कर एक आजाद देश बनने की इच्छा साफ कर दी है.
बोगेनविले रेफरेंडम कमिशन ने इन नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि वोट देने वाले 181,067 लोगों में से 176,928, यानि करीब 98 फीसदी ने आजादी के समर्थन में मत दिया. वहीं केवल 3,043 वोट पापुआ न्यू गिनी के साथ बने रहने के लिए पड़े लेकिन वे भी थोड़ी ज्यादा स्वायत्तता चाहते हैं. एक हजार के करीब वोट निरस्त हो गए.
23 नवंबर से लेकर 7 दिसंबर 2019 तक दो हफ्ते की अवधि में चली जनमतसंग्रह की प्रक्रिया के नतीजे मानना कानूनी रूप से बाध्य नहीं है. बोगेनविले और पोर्ट मोरेस्बी अब यहां से आगे का रास्ता आपसी बातचीत से तय करेंगे. पापुआ न्यू गिनी की संसद इस मामले पर अंतिम निर्णय लेगी.
स्वाधीनता को लेकर रेफरेंडम कराया जाना असल में करीब 20 साल से जारी शांति प्रक्रिया का हिस्सा है. 10 साल तक बोगेनविले और पापुआ न्यू गिनी के बीच चले खूनी गृह युद्ध के सन् 1998 में खत्म होने के बाद दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से ऐसा जनमत संग्रह कराए जाने का फैसला लिया था. इस गृह युद्ध में 15,000 लोगों की जान चली गई थी.