अमेरिका में एक काले नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद वहां कई शहरों में हिंसा भड़की हुई है। नस्लभेद पर पूरी दुनिया थू-थू कर रही है, राष्ट्रपति ट्रंप व्यंग्य कर रहे हैं, लेकिन जिंदा इंसानियत पुलिसिया क्रूरता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही है। इस बीच भारत में बॉलिवुड हस्तियों के दोमुंहे बयान अलग तरह की कायरता का परिचय दे रहे हैं। जबकि दुनियाभर में लोग रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को ख़त्म करने की अपील कर रहे हैं, ऐसी बॉलिवुड हस्तियां बहती गंगा में हाथ धोने कूद पड़ी हैं, जो अपने देश में ऐसे किसी हालात पर अपनी खोल में दुबक जाती हैं।
कहा जा रहा है कि जब भारत में ऐसी घटनाएं होती हैं तो बॉलीवुड सेलिब्रिटी चुप्पी साधे रहते हैं लेकिन अमरीका में हुई घटना से उन्हें दुख हो रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई टिप्पणियां सामने आ रही हैं, जिनमें लोग गोरेपन की क्रीम से जुड़े विज्ञापन करने वाले अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की तस्वीरें लगाकर उन पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर वो अपनी बात पर कहां तक जायज़ हैं। टीम कंगना रनौत के ट्विटर हैंडल से अभिनेत्री कंगना रनौत का एक इंटरव्यू शेयर किया गया है जिसमें उन्होंने स्थानीय मुद्दों को छोड़कर हज़ारों मील दूर अमरीका में चल रहे मामले को लेकर भारतीय सेलेब्रिटीज़ की चिंता जताई है, जिस पर उन्हें आड़े हाथ लिया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर लिखते हैं, ‘उन सभी सेलिब्रिटीज़ के लिए काफ़ी सम्मान जो #BLACK_LIVES_MATTER हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे आपकी कायरता सामने आती है जब आप अमरीकियों की ज़िंदगी के लिए ट्वीट करते हैं लेकिन भारतीयों के लिए नहीं ट्वीट कर सकते।’ एक पत्रकार ने लिखा, ‘हमारे स्टार जो दिल्ली में मुसलमान विरोधी घटनाओं, लिंचिंग, नागरिकता कानून, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों की गिरफ़्तारी पर चुप्पी साधे रहे, वो हैशटैग ब्लैक लाइव्स मैटर इस्तेमाल कर रहे हैं।’
कविता कृष्णन ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, ‘प्रियंका चोपड़ा, जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या और हैशटैग ब्लैक लाइव्स मैटर पर आपकी एकजुटता देखकर अच्छा लगा लेकिन आप अपने ही देश में …चुप क्यों हैं? कृपया बताएं।’ बॉलीवुड अभिनेता अभय देओल ने भी इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट लिखी है। उसके जरिए उन्होंने देश के सेलिब्रिटीज़ पर सवाल उठाए हैं कि अगर वे अमरीका में हुई घटना देख सकते हैं तो क्या अब उन्हें अपने आसपास होने वाली घटनाओं पर भी ध्यान देना चाहिए? अभय देओल लिखते हैं, ‘शायद अब इसका समय भी आ गया है? अब क्योंकि ‘जागरूक’ भारतीय सेलिब्रिट और मध्य वर्ग अमरीका में नस्लभेद के ख़िलाफ़ एकजुटता दिखा रहा है, वे शायद देखना चाहेंगे कि उनके अपने देश में क्या हो रहा है? अमरीका ने दुनिया में हिंसा फैलाई है, उन्होंने इसे और अधिक ख़तरनाक जगह बना दिया है, लेकिन ऐसा अपरिहार्य था कि यह वापस आ जाएगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे इसके लायक हैं, मैं कह रहा हूं कि इस तस्वीर को एक साथ देखो। मैं कह रहा हूं कि अपने देश में सिस्टमैटिक समस्याओं को सामने लाकर उनका समर्थन करें, क्योंकि वे एक ही चीज हैं। मैं कह रहा हूं कि उनके नेतृत्व का पालन करें, लेकिन उनके कामों का नहीं। अपने देश के लिए ज़रूरी एक्शन, अपने खुद के आंदोलन खड़े करें। ‘ब्लैक लाइव्स मैटर मूवमेंट’ यही है। बड़े स्तर पर देखें तो हम और वो, जैसा कुछ नहीं है। ऐसा कोई देश नहीं है, जो वास्तविक हो लेकिन एक ग्रह संकट में है।’
उन्होंने अंत में लिखा, ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ और आगे यह भी जोड़ा, ‘पता लगा लीजिए कि मैंने उस हैशटैग का इस्तेमाल क्यों नहीं किया और फिर भी इस आंदोलन का समर्थन कर रहा हूं।’ उन्होंने एक तस्वीर भी पोस्ट की जिस पर हैशटैग के साथ लिखा- प्रवासियों की ज़िंदगी मायने रखती है। अल्पसंख्यकों की ज़िंदगी मायने रखती है। गरीबों की ज़िंदगी मायने रखती है। एक अन्य पोस्ट पर उन्होंने लिखा, ‘बीते कुछ सालों में भारत में गोरेपन वाली क्रीमें बढ़ी हैं। गोरेपन के अलावा अब त्वचा में चमक और सफेदी लाने वाली क्रीम भी बिक रही हैं। अधिकतर ब्रांड सीधेतौर पर गोरेपन का टैग नहीं रखना चाहते।’ अभय देओल के इन सोशल मीडिया पोस्ट में हज़ारों लोगों ने अपनी राय दी है, जिनमें अलग-अलग सेलिब्रिटी पर सवाल भी उठाए गए हैं। पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने अभय देओल की इंस्टाग्राम पोस्ट को ट्वीट किया और लिखा, ‘अभय देओल, आपसे पूरी तरह सहमत हूं। हां, हर प्रवासी की ज़िंदगी मायने रखती है। हां, अल्पसंख्यकों की ज़िंदगी मायने रखती है। हां गरीबों की ज़िंदगी मायने रखती है।’
अभिनेत्री दिसा पटानी ने एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा है- ‘सभी रंग खूबसूरत हैं।’ कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने उनके इस ट्वीट को लेकर उन पर निशाना साधा है। एक ने ट्वीट किया, ‘आप उस फेयरनेस क्रीम विज्ञापन के लिए काम करती हैं, जो कहता है ‘ज़्यादा गोरापन’। अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने अपनी एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसके साथ उन्होंने लिखा है, ‘आपकी चुप्पी आपको नहीं बचा पाएगी। क्या इंसान या जानवर, हर ज़िंदगी मायने नहीं रखती? किसी को भी चुप करा देना यूनिवर्सल लॉ के ख़िलाफ़ है। हमें फिर से इंसान होने के लिए, दया व्यक्त करने और प्रेम अपनाने के लिए, चीज़ें भुलानी होंगी और सीखनी होंगी।’ इस पोस्ट पर कई लोगों ने उन पर सवाल उठाए और गोरेपन का दावा करने वाली क्रीम के उनके विज्ञापन की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, वहीं कुछ लोगों ने उन पर अपने देश की समस्याओं के बारे में भी सवाल उठाए हैं। एक ने लिखा, ‘वे लोग, जो गोरापन दिलाने वाली क्रीमों का इस्तेमाल कर रहे हैं और दूसरों को भी इसकी सलाह दे रहे हैं, नस्लभेद का विरोध भी कर रहे हैं, वे एक दर्ज़े के पाखंडी हैं।’ एक अन्य ने लिखा, ‘क्या आपने प्रवासी मज़दूरों के बारे में बात की है?’ (बीबीसी हिंदी से साभार संशोधित अंश)