उत्तराखंड में कल सोमवार, 8 जून से अनलॉक-1 के साथ देवालयों की खुशहाली राज्य में जहां-तहां लौटने लगी है। देहरादून को छोड़कर अन्य जिलो में मंदिरों के कपाट खुलने लगे हैं। श्रद्धालुओं को मुद्दत बाद अपने आराध्य की आस्था में अवगाहन के दिन बहुरने लगे हैं। देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव के आदेश पर आज मंगलवार से प्रमुख तीर्थ ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट गंगा आरती भी शुरू होने जा रही है। आरती की पुरानी छवियां लोगों को ऋषिकेश पहुंचने के लिए ललचा सकती हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए सीमित संख्या में ही लोग अभी आरती में भाग ले सकते हैं। गंगा आरती के समाप्त होने का समय शाम सात बजे निर्धारित किया गया है। अब उत्तराखंड के हर नागरिक के में सिर्फ एक कसक बाकी रह गई है कि चार धाम यात्रा 30 जून तक के लिए टल गई है, जो मौजूदा वक्त के हिसाब से एक बहुत जरूरी निर्णय रहा है।
यह भी गौरतलब है कि देहरादून जिला प्रशासन ने आज मंगलवार से शाम 7 से सुबह 7 बजे तक का समय प्रतिबंधित कर दिया है यानी बाजार अब पहले की ही तरह सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही खुलने हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर त्रिवेणी घाट में होने वाली गंगा सभा ऋषिकेश की ओर से की जाने वाली गंगा आरती को पुन: शुरु करने का निर्णय लिया गया है। आरती में 65 वर्ष की उम्र से अधिक लोग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे शामिल नहीं हो सकेंगे। आरती में प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जाएगा। हर व्यक्ति को हाथ सेनेटाइज कर मास्क लगाकर ही आरती में शामिल हो सकता है।
उत्तराखंड सरकार के अनलॉक-1 में मंदिरों को खोलने की अनुमति देने के साथ ही श्रद्धालुओं और पुजारियों के चेहरे में खुशियां लौट आई हैं। कल सोमवार तड़के से ही मंदिरों के कपाट खुलने लगे हैं। पुजारियों के साथ ही श्रद्धालु भी मंदिरों की साफ-सफाई में जुटे दिखने लगे हैं। देवालयों में शंख और घंटियां गूंजने लगी हैं। यद्यपि कल सोमवार को प्रशासन की ओर से स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने से दोपहर में मंदिरों के कपाट बंद होने लगे थे, चार बजे तक सभी मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
गौरतलब है कि लॉकडाउन की अवधि में छूट के दौरान श्रद्धालु बंद कपाटों के बाहर से ही खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे। सरकार ने सोमवार से धार्मिक स्थलों को तड़के पांच से रात नौ बजे तक खोलने की अनुमति देते हुए गाइडलाइन का पालन करने के आदेश दिए। सोमवार सुबह से मंदिरों के कपाट खुले देख श्रद्धालुओं के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। हालांकि कोरोना का भय श्रद्धालुओं में भी दिखा। लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की। श्रद्धालु मास्क भी पहने हुए थे, कुछ श्रद्धालु मंदिरों में सेनेटाइजेशन की व्यवस्था में जुटे रहे।