बाहरी राज्यों से प्रवासियों के उत्तराखंड लौटने का सिलसिला रविवार देर रात तक जारी रहा। बागेश्वर में बिलौना बस अड्डे पर क्वैरंटाइन किए जाने से पहले 62 प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिग और स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उधर, 796 प्रवासी रोडवेज की बसों से पिथौरागढ़ पहुंचे। जिनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उन्हें क्वारंटाइन के लिए भेजा गया। रविवार देर शाम तक राजस्थान, गुरुग्राम आदि से करीब 150 प्रवासी और पहुंच गए। सोमवार को अहमदाबाद से करीब 800 प्रवासियों की पहुंचने की संभावना है।
रविवार को बिलौना रोडवेज बस अड्डे पर पंजाब, दिल्ली, जयपुर, मथुरा, चेन्नई आदि स्थानों से 62 प्रवासी पहुंचे। हल्द्वानी से उत्तराखंड परिवहन निगम की तीन बसों से स्टेजिग एरिया में लाया गया। सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और थर्मल स्क्रीनिग की गई। लॉकडाउन के चलते बाहरी राज्यों में फंसे प्रवासी बड़ी संख्या में पिथौरागढ़ पहुंच रहे हैं। प्रवासियों की ऐंचोली स्थित चेक पोस्ट में थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जांच में स्वस्थ्य पाए जाने पर प्रवासियों को केएनयू जीआइसी भेजा गया, जहां प्रशासन की ओर से उनके लिए निश्शुल्क भोजन और वाहन की व्यवस्था थी। प्रवासियों को स्कूल बसों और टैक्सियों से क्वैरंटाइन के लिए उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। दूरदराज के क्षेत्र के प्रवासियों को महाविद्यालय में रात्रि विश्राम कराया जा रहा है और अगले दिन वाहनों से भेजा जा रहा है। दिल्ली, पीलीभीत, आगरा, बरेली, शिमला, गांधीनगर, जामनगर, चंडीगढ़ आदि शहरों के अलावा उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जनपदों के 796 लोग पिथौरागढ़ पहुंचे, जिनमें से 332 लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन व 302 लोगों को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा गया।
इस बीच उत्तराखंड के कोटद्वार में रिखणीखाल विकासखंड के एक गांव में दिल्ली से आई एक महिला की क्वैरंटाइन के दौरान मौत हो गई। 77 वर्षीय महिला दिल्ली के बुराड़ी से बहू के साथ कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड आई थी। दिल्ली से आने के कारण महिला को जूनियर हाईस्कूल में बने वार्ड में क्वारंटीन किया गया था। बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम तक महिला बिल्कुल ठीक थी लेकिन रात में उसकी अचानक तबीयत बिगड़ी और महिला को खून की उल्टियां होने लगीं। वहीं, मौके पर ही महिला की मौत हो गई।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रवासियों के कारण अब विभाग ने सैंपलिंग बढ़ा दी है। अभी तक प्रदेश के चारों सरकारी लैब में व्यक्तिगत सैंपल की जांच की जा रही है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को मिला था। शुरूआत में प्रदेश में लैब की सुविधा न होने के कारण एक सप्ताह में पूरे प्रदेश से मात्र 110 सैंपल की जांच हुई थी। वर्तमान में प्रदेश में एम्स ऋषिकेश के अलावा तीन मेडिकल कॉलेज दून, हल्द्वानी और श्रीनगर में कोरोना सैंपल जांच की सुविधा है।
लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में प्रवासियों के लौटने से संक्रमण के मामले भी बढ़ गए हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सैंपलिंग बढ़ाई गई है। पूरे प्रदेश से प्रतिदिन एक हजार सैंपल होने पर लैब स्वयं ही पूलिंग सैंपल टेस्टिंग करेंगे।
रविवार को दूसरा कोरोना केस हाल ही में महाराष्ट्र से ऋषिकेश लौटे युवक का मिला। युवक की जांच ऋषिकेश एम्स में की गई थी। एम्स प्रशासन के अनुसार, युवक पिछले पांच वर्षों से महाराष्ट्र के एक होटल में नौकरी करता आ रहा है। होटल के कई लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वह हाल ही में ऋषिकेश वापस लौट आया था। वह तभी से अपने घर में क्वारंटीन था। शनिवार को वह एम्स में स्क्रीनिंग के लिए आया था। उस दौरान उसमें कुछ लक्षण पाए जाने पर युवक का सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव मिली। युवक को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
इस बीच ईसीएचएस मुख्यालय की ओर से एमडी ईसीएचएस कर्नल अनुपम एन अदाहुलिया की ओर से जारी निर्देश में बताया गया है कि ईसीएचएस से जुड़े इम्पैनल्ड अस्पताल अब कोरोना के इलाज और टेस्ट के लिए पूर्व सैनिकों से फीस नहीं वसूलेंगे। निर्देश में कहा गया है कि इस बीमारी को अब ईसीएचएस की बीमारी की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। अन्य बीमारियों की तहत ही अस्पताल को इसका भुगतान ईसीएचएस करेगा।साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि टेस्ट का भुगतान स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय फीस के अनुसार ही अस्पतालों को किया जाएगा। ईसीएचएस के इस निर्देश के बाद देश के लाखों पूर्व सैनिकों को लाभ मिलेगा।
(फोटो प्रतीकात्मक)