नैनीताल हाईकोर्ट में शुक्रवार को प्रवासियों और उत्तराखंड सरकार के संबंध हरिद्वार के सच्चिदानंद डबराल की एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकार से पूछा है कि बाहर से आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग और रैपिड टेस्ट क्यों न राज्य की सीमा पर ही कर लिए जाएं। कोर्ट ने इसके लिए 18 मई तक की समय सीमा भी तय कर दी है।
इससे पूर्व कोर्ट कमिश्नर ने खंडपीठ को बताया कि जिलाधिकारी सहयोग नहीं दे रहे हैं । संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि कोरोना गांव तक पहुंच गया तो हालात बदतर हो सकते हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव को स्पष्ट ताकीद की कि कोर्ट कमिश्नर के साथ सभी जिलाधिकारी सहयोग करें, इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट को बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के 14 मई के नोटिफिकेशन के अनुसार दस कंपनियों ने रैपिड टेस्टिंग किट के लिए आवेदन किया है। इस पर कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है किट कब तक बनने के साथ ही जरूरतमंदों तक पहुंचना सुनिश्चित होगा।
केंद्र की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राकेश थपलियाल, विरेंद्र कपरुवाण ने कोर्ट को बताया कि एंटीजन बेस्ड किट तैयार की जा रही है, जिसके आने के बाद टेस्ट किए जाएंगे। खंडपीठ की सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, स्टैंडिंग काउंसिल अनिल बिष्ट और सीएससी परेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ही कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य की ओर से 20 हजार रैपिट टेस्ट किट की डिमांड भेजी गई है। 49 राहत शिविरों में प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही जनरल चेकअप किया जा रहा है। संदिग्ध मिलने पर कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिया जा रहा है। संक्रमण की पुष्टि होने पर संस्थागत क्वारंटाइन, फिर होम क्वारंटाइन किया जा रहा है।
इस बीच शुक्रवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि विभिन्न देशों में फंसे हुए उत्तराखंड प्रवासियों के भारत पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। छह देशों से पहुंचे उत्तराखंड के 40 प्रवासियों को दिल्ली, कोच्चि और लखनऊ में क्वैरंटाइन किया गया है। इधर प्रदेश में दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी लगातार वापस लाए जा रहे हैं। गुरुवार को अहमदाबाद, जयपुर और लेह से ट्रेन-बस से यात्रियों के उत्तराखंड रवाना होने की सूचना है। इसके अलावा गुजरात, तेलंगाना, पुणे, सूरत, दिल्ली, गोवा, तिरुअनंतपुरम, चेन्नई और अन्य राज्यों से फंसे हुए यात्रियों को वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा अन्य राज्यों में जाने के लिए 32591 लोग पंजीकरण करा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि विदेशों से लौट रहे उत्तराखंड के प्रवासी भारत पहुंचने लगे हैं। अभी तक बांग्लादेश से दो, सिंगापुर से एक, सऊदी अरब से एक, फिलिपींस से पांच और यूएई से आने वाले सात यात्रियों को दिल्ली में क्वारंटाइन किया गया है। मालदीव से आने वाले सात प्रवासियों को कोच्चि और यूएई से आने वाले दो प्रवासियों को लखनऊ में क्वारंटाइन किया गया है।