दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया ही सबसे बड़ा प्लेट फार्म बन गया है। न हर्र लगे, न फिटकरी, घर बैठे खूब मजे से चुनाव प्रचार, बाकी कसर चैनल महराज और अगली सुबह अखबार पूरी कर ही रहे। तीन पार्टियों की सीधी निगाहें युवा मतदाताओं पर हैं।
‘आप’ ने 1993 में रिलीज शाहरुख की फिल्म बाजीगर पर मीम बनाया। काजोल को दिल्ली, शाहरुख को केजरीवाल और काजोल के दोस्त बने इंस्पेक्टर (सिद्धार्थ) को मनोज तिवारी बताया। ट्वीट में लिखा, ‘ऑल द बेस्ट सर, मनोज तिवारी।’ मकसद था भाजपा को यह बताना कि दिल्ली केजरीवाल को पसंद करती है और तिवारी खाली हाथ रहेंगे। भाजपा ने आप को लाजबाव कर दिया। जवाबी ट्वीट में लिखा, ‘इस अकाउंट को हैंडल करने वाला केजरीवाल के राजनीतिक सफर का अंत दिखा रहा है। बाजीगर में शाहरुख विलेन थे। वे काजोल और उनके परिवार के खिलाफ साजिश रचते हैं। उनकी बहन का मर्डर करते हैं। अंत में उन्हें मौत मिलती है। दिल्ली में केजरीवाल का यही हश्र होगा।
आप का सोशल मीडिया कैंपेन संभाल रहे जास्मिन बताते हैं कि15 राज्यों में सक्रिय पार्टी की सोशल मीडिया टीमें कंटेंट भेजती हैं। दिल्ली में करीब 20 लोग इसे जांचते हैं। फिर तय होता है कि कौन सा कंटेंट किस प्लेटफॉर्म पर जाएगा। फोकस केजरीवाल के 5 साल के काम को क्रिएटिव तरीके से लोगों तक पहुंचाना है। सभी को पॉजिटिव कंटेंट देने के आदेश हैं। पार्टी का कोई इवेंट है तो उसे पहले शेयर कर देते हैं ताकि कंटेंट इसी के मुताबिक बने। जैसा हमने केजरीवाल के गारंटी कार्ड लॉन्च पर किया। जरूरत महसूस होती है तो सीनियर लीडरशिप से सलाह या निर्देश लेते हैं। सोशल मीडिया का आधार युवावर्ग है। मीम युवाओं को लुभाते हैं। इसलिए हम उनका इस्तेमाल करते हैं। एक सीमेंट कंपनी के विज्ञापन पर आधारित केजरी-वॉल मीम उदाहरण है। हमने बताया कि यह दीवार नहीं टूटेगी क्योंकि यह साफ नीयत और ईमानदारी के सीमेंट से बनी है। सुपर मारियो गेम की थीम पर अरविंद का मीम भी पसंद किया गया।
भाजपा की सोशल मीडिया सेल को पुनीत अग्रवाल लीड कर रहे हैं। वे कहते हैं कि दिल्ली में 13750 बूथ हैं। हर बूथ पर पांच कार्यकर्ता हैं। 280 मंडल हैं। हर मंडल पर तीन कार्यकर्ता हैं। सभी 14 जिलों में एक कन्वीनर और 2 को-कन्वीनर हैं। सभी 7 लोकसभा क्षेत्रों में भी एक-एक कन्वीनर है। प्रदेश की टीम 8 लोगों की है। ये सभी निशुल्क सेवा देते हैं। हम दो बातों पर फोकस कर रहे हैं। पहली- केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए जो काम किए, उन्हें दिखाएं। दूसरी- केजरीवाल जो नहीं कर पाए, उन्हें जनता तक पहुंचाएं। क्रिएटिव कंटेंट बनाने की कोशिश है। चाहे वो वीडियो हों या मीम्स। लोग टैक्स्ट से ज्यादा इन्हें पसंद करते हैं। किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखते हैं। अगर भाजपा के ऑफिशियल अकाउंट से कुछ फेक जा रहा है तो आप पार्टी को जिम्मेदार मान सकते हैं। मैं या हमारे बड़े पदाधिकारी कुछ गलत पोस्ट कर रहे हैं तो भी पार्टी की जवाबदेही मानी जा सकती है। लेकिन, भाजपा के 18 करोड़ रजिस्टर्ड कार्यकर्ता हैं। अगर वो कुछ पोस्ट करते हैं तो इसके लिए पार्टी कैसे जवाबदेह हो सकती है