(सुबह घटना की सूचना मिलने पर इस तरह पहुंची पुलिस – चार चित्र, पोस्टमार्टम में आत्महत्या की पुष्टि) : एक ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुशांत सिंह राजपूत सुबह 6:30 बजे सोकर उठे। घर के नौकर ने उन्हें सुबह 9:30 बजे अनार का जूस दिया और फिर उन्होंने इसे पिया भी। इसके बाद सुशांत ने अपनी बहन से भी कुछ बातचीत की। इसके बाद वह अपने कमरे में चले गए और कमरा अंदर से लॉक कर दिया। जब खाने के बारे में नौकर पूछने आया तो दरवाजा नहीं खुला।
फिर 2-3 घंटे बाद मैनेजर ने सुशांत की बहन को फोन किया। बहन आई और तब चाभी वाले को बुलाकर दरवाजा खुलवाया गया और फिर सामने जो नजारा था उसे देखकर सब शॉक्ड रह गए। सुशांत की बॉडी देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि वह अब नहीं रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुशांत की मौत 10 बजे से 1 बजे के बीच बताई जा रही है।
सुबह 6:30 बजे नींद खुली। सुबह 9:30 बजे सुशांत ने अनार का जूस लिया और अपने कमरे में खुद को बंद कर लिया। 10:30 बजे कुक सुशांत से यह पूछने गया कि लंच में क्या खाना है तो सुशांत ने दरवाजा नहीं खोला। कुक दोबारा 12:00 बजे के करीब लंच के लिए पूछने के लिए उनके कमरे तक गया , लेकिन इस बार भी सुशांत ने दरवाजा नहीं खोला। काफी देर तक दरवाजे पीटने और सुशांत को फ़ोन करने के बाद जवाब नहीं मिला, जिसके बाद कुक समेत दो अन्य व्यक्ति जिसमे एक सर्वेंट है, वो घबरा गए। करीब 12:30 बजे सुशांत की बहन को फोन किया गया। सुशांत की बहन गोरेगांव में रहती हैं, इस जानकारी के बाद वह करीब 40 मिनट में बांद्रा पहुंच गईं। उन्होंने भी सुशांत को काफी आवाज लगाई, फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
करीब 1:15 बजे चाबी वाले को फोन किया गया, लॉक नहीं खुला तो चाबी वाले ने लॉक को तोड़ दिया। दोपहर 3.30 को उन्हें बीएमसी के कूपर अस्पताल लाया गया, जहां उन्हें 4 बजे मृत घोषित किया गया। सुशांत सिंह राजपूत के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। पुलिस को मौके पर से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है। बता दें कि चार दिन पहले ही सुशांत की मैनेजर दिशा की भी इमारत से गिरने से मौत हो गई थी। (अंतिम चित्र में उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में, जब ‘केदारनाथ’ फिल्म बन रही थी)