लोन मोरटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट 5 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा है कि सुनवाई टाल दी जाए, क्योंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता किसी और मामले में व्यस्त हैं। जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ छह महीने की लोन मोरटोरियम (कर्ज अदायगी में कुछ वक्त की छूट) वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरटोरियम के मामले पर आखिरी सुनवाई 14 अक्टूबर को की थी। इसके अलावा कल यानी 2 नवंबर को इस केस पर सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारणवश सुनवाई को टाल दिया गया। केंद्र सरकार ने मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोरटोरियम की सुविधा दी थी। केंद्र ने दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज पर ब्याज को माफ करने को लेकर सहमति दी है। आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से एक हलफनामा दायर कर कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को 5 नवंबर तक 2 करोड़ रुपये के लोन पर ब्याज पर ब्याज चुकाना होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने छह महीने के लिए मोरटोरियम की सुविधा दी थी। इसमें बॉरोअर्स को ईएमआई ना चुकाने की छूट थी। यानी इन 6 महीनों के दौरान अगर कोई ईएमआई नहीं चुकाता तो भी उसका लोन अकाउंट डिफॉल्ट पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज ना चुकाने की छूट दे दी है। अब सरकार ने भी इस बात पर सहमति जता दी है कि वह 2 करोड़ रुपए तक के लोन की बकाया ईएमआई पर कंपाउंड इंटरेस्ट का भुगतान करने को तैयार है। आरबीआईने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करते बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को कहा है कि अगर उन्होंने बॉरोअर्स से ईएमआई पर कंपाउंड इंटरेस्ट ले लिया है तो उसे 5 नवंबर तक लौटाना होगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि interest waiver के योजना के तहत कुल आठ तरह के लोन को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत एमएसएमई लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन, consumer durable loans, क्रेडिट कार्ड का बकाया, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और उपभोग लोन लेने वाले लोगों को राहत दी जाएगी। लेकिन फसल और ट्रैक्टर लोन के साथ कृषि लोन से संबंधित किसी तरह के लोन को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।
इससे पहले रिजर्व बैंक ने मंगलवार को सभी बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें। सरकार ने सभी बैंकों को 5 नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने का निर्देश दिया है। यह फायदा 1 मार्च से 21 अगस्त के बीच यानी 184 दिन के लोन पर मिलेगा। इस योजना को फायदा उन लोगों को भी मिलेगा, जिन्होंने मोरटोरियम के लिए अप्लाई नहीं किया है।