कोरोना वायरस से अभी तो दुनिया की जान पर ही बन आई है, उसके पीछे-पीछे दबे पांव मंदी की भयावहता का सामना करने के लिए भी तैयार रहना होगा। कोरोना अभी से भारतीय इकॉनमी को तेज झटका देने लगा है। एस ऐंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2020 में भारत की वैश्विक आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 5.2 फीसदी कर दिया है और कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच ग्लोबल इकॉनमी मंदी के दौर में प्रवेश कर रही है। इससे पहले एजेंसी ने 2020 में भारत में 5.7 फीसदी की दर से विकास होने का अनुमान जताया था।
एस ऐंड पी ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया मंदी के दौर में प्रवेश कर रही’ है। एस ऐंड पी ग्लोबल रेटिंग्स में एशिया पसिफिक के लिए प्रमुख इकॉनमिस्ट शॉन रोशे ने कहा है कि चीन में पहली तिमाही में बड़ा झटका, अमेरिका और यूरोप में शटडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण के कारण एशिया-प्रशांत में बड़ी मंदी पैदा होगी।
एस ऐंड पी ने कहा है कि हम चीन, भारत और जापान में 2020 में होने वाले विकास के अनुमान को कम करके क्रमश: (पहले के 4.8 प्रतिशत, 5.7 प्रतिशत, और -0.4 फीसदी) 2.9 प्रतिशत, 5.2 प्रतिशत और -1.2 प्रतिशत कर रहे हैं। मामूली तेजी देखी गई। कोरोना वायरस अपने देश में अब दूसरे चरण में पहुंच गया है तथा संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ रहा है। लोगों में अनजाना सा भय व्याप्त हो रहा है तथा इसका असर बाजारों पर भी पड़ रहा है। शहर के मुख्य बाजार में अधिकतर दुकानें सूनी पड़ी हुई हैं तथा कारोबार पूरी तरह से मंदी की चपेट में दिख रहे हैं। हमेशा गुलजार रहने वाले बाजार कोरोना के भय के चलते सूने पड़ने लगे हैं।
यात्रा और मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियों पर कोरोना वायरस का सबसे बुरा असर पड़ रहा है लेकिन इसके व्यापक आर्थिक प्रभाव क्या होंगे? कारोबारियों की पैसे से जुड़ी परेशानी दूर कर के, सब्सिडी और टैक्स देने की समय सीमा बढ़ाकर सरकार और बैंक मदद कर सकते हैं.
हम जिस तरीके से काम करते हैं, नई टेक्नॉलॉजी और काम करने वाले लाखों लोगों की ज़िंदगी में जोख़िम कम करने के लिए सरकारें क्या कर सकती है, इसे लेकर आने वाले समय में तस्वीर बदल सकती है। अगर 007 जेम्स बॉन्ड भी कुछ महीनों की मोहलत ले रहे हैं तो उन लोगों के लिए क्या उम्मीद बची है जो कोरोना वायरस से होने वाले कारोबारी नुक़सान का जोख़िम उठा रहे हैं? जेम्स बॉन्ड की नई फ़िल्म ‘नो टाइम टु डाई’ की रिलीज़ नवबंर तक के लिए रोक दी गई है। उम्मीद है कि उस वक़्त फ़िल्म बेहतर मुनाफ़ा देगी और वितरक तब तक इंतज़ार कर सकते हैं लेकिन हर किसी के साथ ऐसे हालात नहीं हैं। उनके लिए सामने मुश्किल वक़्त है। विमानन कंपनी फ़्लाईबी एयरलाइंस बंद हो गई। कोरोना का शिकार होने वाली शायद ये पहली कंपनी है। जर्मनी की कंपनी लुफ़्तांसा भी अपनी कुल उड़ानों को आधा करने की योजना बना रही है।
विश्लेषक बता रहे हैं कि कोरोना की वजह से अलग-अलग सेक्टरों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। संकट चाहे कितना भी हो, हम किराने और घरेलू ज़रूरतों का सामान फिर भी खरीदेंगे। हां, ये ज़रूर हो सकता है कि लोग दुकान जाकर सामान खरीदने के बजाय ऑनलाइन शॉपिंग ज़्यादा करने लगें लेकिन चूंकि कामगरों को वापस भेजा जा रहा है इसिलए उत्पादन में कमी आ सकती है, और अगर मांग पूरी नहीं होगी तो भुगतान पर भी असर पड़ेगा। अगर लोग अपना खर्च अचानक कम कर देंगे तो धीरे-धीरे इसका असर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र से सम्बद्ध संगठन यूएनसीटीएडी ने कहा है कि 100 सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में 42 ने ‘प्रॉफ़िट वॉर्निंग’ जारी की है। ये सब बैंकों के लिए भी फ़ायदेमंद नहीं है और ये चिंताजनक है।