अभी तक 17 मई तक लॉकडाउन की पूर्वघोषित अवधि के मुताबिक पाबंदियां जारी रहनी ही हैं लेकिन आज केंद्र सरकार से कुछ ढील के संकेत मिल रहे हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को मजदूरों के पलायन पर राज्यों को पत्र लिखा है तो मेडिकल सेवाओं में लगे लोगों को बिना रोक-टोक आनेजाने देने का निर्देश भी दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि सभी राज्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लौट रहे मजदूरों को भेजने और बुलाने में सहयोग बनाए रखें।
केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा कि वे मेडिकल कर्मी, डॉक्टर, सैनिटाइजेशन कर्मी, ऐम्बुलेंस आदि को बिना रोकटोक जाने दें। गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताई, कहा वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। कहा गया कि चिकित्सा पेशेवरों की आवाजाही पर रोक लगाना कोविड, गैर कोविड सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित करना है।
केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों से कहा है कि चिकित्सा और सफाई से जुड़े कर्मचारियों के आनेजाने के लिए सही रास्ता निकालें और सभी प्राइवेट क्लीनिक खोलने की अनुमति दें। ऐंबुलेंस और स्वास्थ्य कर्मियों को एक राज्य से दूसरे राज्य जाने की भी अनुमति होगी। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम, लैबों को तमाम चिकित्सा स्टाफ के साथ खोला जाना सुनिश्चित करें। राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सड़क और रेल की पटरी पर चल रहे प्रवासी लोगों को रोका जाए। ऐसे मजबूर लोगों को शेल्टर होम लेकर जाने की बात कही गई है।