जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों ने बुधवार को मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मार गिराए। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने पिछले चार दिनों में 14 आतंकवादियों को मार गिराया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में शोपियां के सुगू इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सटीक सूचना मिलने के बाद सुबह इलाके की घेराबंदी की गई और तलाश अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
शुरुआती मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए और अंतिम रिपोर्ट मिलने तक सुरक्षाबलों ने तीन और आतंकवादियों को मार गिराया था। शोपियां में चार दिन में यह तीसरी बड़ी मुठभेड़ है। रविवार और सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ दो मुठभेड़ों में हिज्बुल मुजाहिदीन के नौ आतंकवादी मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि पिछले दो हफ्ते में सुरक्षा बलों ने 9 एनकाउंटर में जितने आतंकी मारे उनमें 6 टॉप कमांडर थे। डीजीपी ने बताया कि कश्मीर इलाके में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर आतंकी ठिकानों में 150-250 आतंकी हो सकते हैं। जम्मू इलाके में 125-150 आतंकियों के होने का अनुमान है।
उधर, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बुधवार को गोलाबारी की। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘‘आज सुबह करीब साढ़े सात बजे पाकिस्तान ने नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर छोटे हथियारों से गोलीबारी कर और मोर्टार दागकर बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन किया।’’इलाके से अंतिम रिपोर्ट मिलने तक दोनों ओर से गोलाबारी जारी थी।पाकिस्तानी सेना ने सोमवार और मंगलवार को भी पुंछ जिले के मनकोट और खरी करमारा सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी की थी।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों के हमले में जान गंवाने वाले कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडित का यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों के नेताओं समेत काफी लोग मौजूद रहे। कोविड-19 पाबंदियों की अनदेखी कर शक्तिनगर श्मशान में सरपंच के अंतिम संस्कार में शामिल हुए कई लोगों ने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के खिलाफ नारे लगाए।
गौरतलब है कि कांग्रेस सदस्य तथा अनंतनाग जिले के लरकीपुरा इलाके में लुकबावन पंचायत हलका के सरपंच पंडित (40) की सोमवार शाम करीब छह बजे उनके पैतृक गांव में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडित समुदाय के कुछ लोगों ने आतंकवादी संगठन की धमकियों के बाजवूद पंचायत को सुरक्षा मुहैया कराने में कथित रूप से नाकाम रहने के लिये अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया।
कश्मीरी पंडित संगठनों का कहना है कि 16 साल में अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य की हत्या का यह पहला मामला है। उन्होंने कहा कि यह 90 के दशक की तरह समुदाय के लोगों के बीच डर बैठाने की कोशिश है। अधिकारियों ने कहा कि तिरंगे में लिपटे पंडित के पार्थिव शरीर को आज सुबह कश्मीर से जम्मू में उनके घर ले जाया गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को श्मशान ले जाया गया, जहां सैंकड़ों लोग उन्हें श्रद्धाजंलि देने आए थे। पंडित के अंतिम संस्कार में भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, एपीएमसीसी के अध्यक्ष विनोद पंडित समेत कई नेता मौजूद थे। लोगों के एक वर्ग ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं होने पर नाराजगी जतायी।