कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में रूसा-दो के अंतर्गत स्थापित सेंटर फॉर एंटरप्रंयोर्शिप की तरफ से जैविक खेती के क्षेत्र में उद्यमशीलता विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन लिविंग ग्रीन आर्गेनिक, जयपुर के सीईओ प्रतीक तिवारी ने अर्बन आर्गेनिक फार्मिंग की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया।
उन्होंने प्रतिभागियों को रूफटॉप खेती करने की तकनीक बताई जिसमें मिट्टी का उपयोग किये बिना आर्गेनिक तरीके से तैयार बेस पर फलों व सब्जियों की खेती की जा सकती है। रूफटॉप खेती स्मार्ट शहरों में आर्गेनिक खेती के तरीके के रूप में तेजी से विकसित हो रही है। प्रतीक तिवारी एक एग्रीकल्चर इंजीनियर हैं तथा प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फोरन ट्रेड (आईआईअफटी), नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने रिलायंस फ्रेश, आइटीसी, वॉलमार्ट आदि कंपनियों के साथ कई वर्षों तक काम करने के उपरांत अर्बन फार्मिंग के क्षेत्र में काम करने का निश्चय किया और आज एक सफल एग्री एंटरप्रन्योर हैं।
सुबह के सत्र के बाद सभी प्रतिभागियों को फील्ड विजिट के लिए ले जाया गया, जिससे उन्हें जैविक खेती के व्यवहारिक पहलुओं को समझने में मदद मिल सके। सबसे पहले प्रतिभागियों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र ले जाया गया। वहां उन्होंने जीरो बजट खेती के मॉडल का अवलोकन किया तथा कम लागत प्राकृतिक कृषि के लिए महत्वपूर्ण घटकों की जानकारी ली। फील्ड विजिट के दौरान भिवानी से आये जैविक कृषक डॉ. अजय बोहरा ने प्रतिभागियों को जैविक कृषि के विकल्पों की जानकारी दी जिनकी खेती करके धरती की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, पानी के संकट से निपटा जा सकता है साथ ही अधिकतम उत्पादकता के द्वारा आजीविका भी कमाई जा सकती है।
इसके बाद प्रतिभागियों को शाहाबाद के गांव धांगली में स्थित सीकरी वर्मीकंपोस्ट यूनिट का भ्रमण कराया गया जिसे उद्यमी करन सीकरी ने स्थापित किया है और बायोपेस्ट तथा बायो फर्टिलाइजर की जानकारी दी गई। फिर उन्हें उन्नत तथा प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह के सीडलिंग फार्म पर ले जाया गया। उचित बीजों द्वारा पौध तैयार करना कृषि का एक महत्वपूर्ण पहलू है। प्रतिभागियों ने विभिन्न किस्मों के पौध तैयार करने की व्यवहारिक जानकारी प्राप्त की। जैविक खेती के क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन एक नया प्रयोग है जिसके माध्यम से प्रतिभागियों को हेंड्सॉन व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जा रहा है तथा शिक्षा को समाज से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 55 विद्यार्थी तथा कृषक भाग ले रहे हैं। इस फील्ड विजिट को प्रशिक्षण समन्वयक प्रो. सुदेश तथा डॉ. सिम्मी अरोड़ा द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रो. हवा सिंह, डॉ. अनिरुद्ध गर्ग, डॉ. आरएस मोर आदि उपस्थित रहे।