जम्मू-कश्मीर के एसएसपी ने बताया है कि पिछले दिनों जिस कबूतर को पाकिस्तान प्रशिक्षित पक्षी समझकर पकड़ा गया था, उसे अब छोड़ दिया गया है। पाकिस्तान के एक ग्रामीण ने दावा किया था कि वह उसका पालतू कबूतर है। कबूतर पर लगे एक टैग और पिंक पैच के चलते शक हुआ था। कुछ भी संदिग्ध नहीं पाए जाने पर उसे रिहा कर दिया गया।
जम्मू कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि जांच में कबूतर में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उसके बाद उसे रिहा करने का कदम उठाया गया। सूत्रों के अनुसार कबूतर को वहीं छोड़ दिया गया है, जहां से उसको पकड़ा गया था। कबूतर के कथित मालिक हबीबुल्लाह ने पुलिस को बताया है कि वह सिर्फ एक निर्दोष पक्षी है, उसने कबूतर को रिहा करने की अपील की थी। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कबूतर अपने कथित मालिक के पास लौटा है या नहीं। एसएसपी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी संवेदनशील है और यहां घुसपैठ भी सामान्य है। पाकिस्तान की तरफ से संदेश भेजने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल होता रहा है। आम तौर पर पक्षियों पर संदेह नहीं होता है लेकिन यदि कुछ आसामान्य होता है तो उसे अनदेखा भी नहीं किया जा सकता है।
पाकिस्तानी हबीबुल्लाह शख्स ने उस आरोप को भी खारिज किया है, जिसमें कबूतर के पैर में अंकित नंबर कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए कोड बताया गया था। बॉर्डर के करीब एक गांव के रहने वाले हबीबुल्लाह ने बताया कि उसका कबूतर रेसिंग में हिस्सा लेता है और जो नंबर उसके पैर में लिखा था, वह उसका मोबाइल नंबर है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यह कबूतर पिछले रविवार को शाम 7 बजे अंतरराष्ट्रीय सीमा के चड़वाल इलाके में गीता देवी के घर में घुस गया था। गीता देवी ने कबूतर के पैर में एक अंगूठी नोटिस देखी थी, जिसके बाद इस कबूतर को पकड़कर इसे बीएसएफ को सौंप दिया गया था। बीएसएफ ने इस कबूतर को स्थानीय पुलिस को दे दिया था। गौरतलब है कि इससे पहले कई बार ऐसे पक्षी पकड़े जा चुके है, जो पाकिस्तान से भेजे गए संदेश पहुंचाने में इस्तेमाल किए जाते रहे हैं।