निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद 100 से ज्यादा लोगों के समूह ने तिहाड़ जेल के बाहर तिरंगा फहरा दिया। लोगों ने ‘निर्भया अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए और मिठाई बांटी। लोग दुष्कर्मियों को फांसी दिए जाने के कुछ घंटे पहले ही जमा हुए थे। फांसी दिए जाने से पहले तिहाड़ जेल नंबर 3 के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। यहीं चारों दोषी मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को शुक्रवार सुबह 5.30 फांसी दी गई। यह पहली बार है जब तिहाड़ जेल में एक साथ चार दोषियों को फांसी दी गई। तिहाड़ दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है। यहां 16 हजार से ज्यादा कैदी हैं।
जेल के बाहर सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने कहा कि आखिरकार न्याय हो गया, लेकिन देश की दूसरी बेटियों को इसका इंतजार है। यह कानूनी प्रक्रिया की जीत है। पीड़ित परिवार से जुड़े आकाशदीप ने कहा कि मैं 7 साल चली कानूनी प्रक्रिया गवाह हूं। यह बहुत मुश्किल लड़ाई थी, हालांकि आज न्याय हो गया। दिव्या धवन ने कहा कि यह निर्णय बहुत अच्छा है, बेहतर होता अगर जल्दी हो जाता। पश्चिमी दिल्ली में रहने वाली सना बोलीं कि दोषियों को फांसी देने के बाद भी समाज में कुछ नहीं बदलेगा, लेकिन हम खुश हैं कि चारों दोषियों को फांसी मिली और निर्भया को न्याय।