इस समय कोरोना पीड़ित पूरे देश को उस जीवन बूटी का इंतजार है, जो इस महामारी से लोगों का पिंड छुड़ा सके। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दावा किया है कि उसने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) के साथ मिलकर कोरोना का शमन करने वाली वैक्सीन विकसित की है। यह वैक्सीन पुणे में में वायरस का उपयोग करेगा। इसे इसे एनआईवी से बीबीआईएल में सफलतापूर्वक स्थानांतरित कर दिया गया है। उधर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ एक वैक्सीन की 60 मिलियन डोज का उत्पादन करने के प्रोजेक्ट पर काम करने का दावा किया है। देश के कई और बड़े शोध संस्थानों में कोरोना शामक वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है।
फिलहाल, इस समय भारत समेत पूरे विश्व के वैज्ञानिकों की टीम लगातार कारगर वैक्सीन के रिसर्च में जुटी हुई है। अभी सफलता नहीं मिली है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए ChAdOx1 nCoV-19 नाम की वैक्सीन बनाई है। यह एक सामान्य कोल्ड वायरस, एडेनो वायरस के एक लक्षण से संबंध रखती है। दावा किया गया है कि यह शरीर में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की पहचान करने में सक्षम है। इसका परीक्षण अंतिम चरण में है। इसी तरह अमेरिका में, मैसाचुसेट्स स्थित बायोटेक कंपनी मॉडर्ना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज की साझेदारी में आरएनए नामक एक वैक्सीन बना रही है। इसका का अब दूसरे चरण का परीक्षण प्रक्रिया में है।
उधर, चीन के वैज्ञानिकों ने बंदरों पर एक वैक्सीन के सफल परीक्षण का दावा किया है। इसे सिनोवैक बायोटेक कंपनी बना रही है। कंपनी इस समय इस वैक्सीन का अंतिम परीक्षण कर रही है। अमेरिका स्थित और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक चार आरएनए वैक्सीन पर एक साथ काम कर रहे हैं। यह वैक्सीन विशेष तरह से डिजाइन हुई है। अभी इसका भी अंतिम परीक्षण नहीं हो पाया है।