कोरोना संक्रमित मरीजों का पता लगाने के लिए अब प्रदेश में तीन और लैब जांच शुरू करेंगी। केंद्र सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज के अलावा प्राइवेट संस्थान अहूजा लैब और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) को सैंपल जांचने की अनुमति प्रदान कर दी है। अभी तक एम्स ऋषिकेश और हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में ही कोरोना सैंपल जांच की सुविधा थी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले 100 घंटों से उत्तराखंड में एक भी कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है। अब सरकार सैंपल जांच की संख्या बढ़ाने जा रही है। केंद्र को प्रदेश ने प्रस्ताव भेजा था, जिसे अनुमति मिल गई है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की लैब को भी अनुमति देने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने सचिवालय पहुंचकर कामकाज किया। इससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में सचिवालय समेत सरकारी कार्यालय खुलेंगे।
सामान्य प्रसव वाली महिलाओं को गांधी शताब्दी और कोरोनेशन अस्पताल में ही प्रसव के लिए ले जाया जाएगा। इसके अलावा जटिल प्रसव महंत इंदिरेश अस्पताल में होंगे। ये आदेश जिलाधिकारी ने जारी कर दिए हैं। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अब आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को कॉर्डलेस फोन दिए जा रहे हैं। प्रशासन ने मसूरी में मुजफ्फरनगर और यमुनानगर से आए दो लोगों और एक महिला को होम क्वारंटीन किया है। इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया है।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के पास हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का पर्याप्त स्टॉक है। विभाग ने सभी जिलों के सीएमओ को इस दवा की आपूर्ति कर दी है। विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि कोई भी व्यक्ति या मरीज अपनी मर्जी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को न ले। डॉक्टर के परामर्श पर ही दवा दी जाएगी। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा की मांग बढ़ गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते इस दवा का इंतजाम कर लिया था। केंद्र की अधिकृत कंपनी से मिली पांच लाख टैबलेट सभी जिलों को उपलब्ध कराई गई है। बता दें कि मलेरिया के इलाज में प्रयोग की जाने वाली इस दवा को कोरोना के बचाव में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती का कहना है कि प्रदेश में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों को दवा उपलब्ध करा दी गई है। महानिदेशक ने कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा किसी भी मरीज को नहीं दी जाएगी। चाहे वह कोरोना से संक्रमित क्यों न हो। उन्होंने लोगों से अपील की है कि डॉक्टर के परामर्श पर ही दवा लें।