हिंदी सिनेमा के जाने माने गीतकार योगेश का 77 साल की उम्र में निधन हो गया। बॉलीवुड इंडस्ट्री में उनका बड़ा योगदान रहा है। उनका पूरा नाम योगेश गौड़ है, गीत उन्होंने सिर्फ योगेश के नाम से लिखे। किसी भी बॉलिवुड फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए मजबूत कहानी की जरूरत पड़ती है। वहीं, बेहतरीन फिल्म के गीत उसे और भी बेहतरीन बना देते हैं। अपने गीतों से फिल्मों को सजाने वाले गीतकार योगश गौड़ द्वारा लिखे गए बेहतरीन गीत आज भी लोग गुनगुनाते हैं।
उन्होंने अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना की फिल्म ‘आनंद’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। योगेश गौर द्वारा लिखे गए ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ और ‘जिंदगी कैसी है पहेली हाय’ गाने हमेशा लोगों की जुबान पर रहेंगे। उनके निधन की खबर सुनकर लता मंगेशकर काफी भावुक हो गईं। उन्होंने ट्वीट कर दुख जताया है। लता मंगेशकर लिखती हैं कि मुझे अभी पता चला कि दिल को छूने वाले गीत लिखने वाले कवि योगेश जी का आज स्वर्गवास हुआ। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेशी जी के लिखे कई गीत मैंने गाए। योगेश जी बहुत शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
योगेश गौड़ ने ऋषिकेश मुखर्जी और बासु चटर्जी जैसे बड़े डायरेक्टर्स संग काम किया है। उन्होंने गीतकार के रूप में फिल्म सखी रॉबिन (1962), छोटी सी बात (1976), बातों बातों में (1979), मंज़िल (1979), रजनीगंधा (1974), प्रियतमा (1977) मंजिलें और भी हैं (1974) और कई और फिल्मों के लिए सॉन्ग लिखे।