एक ताज़ा सूचना के मुताबिक, उत्तराखंड में स्पेशल श्रमिक ट्रेनों, सरकारी बसों और अन्य वैध साधनों से आने वाले प्रवासी मज़दूरों की संख्या से कहीं ज़्यादा ऐसे लोग हैं, जो विभिन्न तरीक़ों से अपने आप ही अन्य राज्यों से उत्तराखंड पहुंच गए हैं। उनमें से कुछ तो क्वारंटीन सेंटरों में गए लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जो सीधे तौर पर अपने घरों और गांवों में पहुंच गए। उनमें से बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका न तो कहीं परीक्षण हुआ और न ही ये किसी तरह से क्वारंटीन में रहे। जानकारों के मुताबिक़, यदि ऐसे लोगों में संक्रमण हुआ तो निश्चित तौर पर यह संक्रमण अन्य लोगों तक भी आसानी से पहुंच सकता है क्योंकि आने वाले ज़्यादातर प्रवासी मुंबई, दिल्ली और गुजरात से हैं, जहां संक्रमण की संख्या सबसे ज़्यादा है। यही नहीं, प्रवासी मज़दूरों को क्वारंटीन करने में न सिर्फ शासन-प्रशासन की लापरवाहियां सामने आ रही हैं बल्कि क्वारंटीन सेंटर्स की स्थिति भी इस तरह की है कि वहां से लोग भाग रहे हैं। राज्य के तमाम जगहों से आए दिन क्वारंटीन सेंटरों से लोगों के भागने या फिर अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें करने की ख़बरें आ रही हैं।
पता चला है कि ग्रामीण स्तर पर लोग सरकारी स्कूलों, ग्राम पंचायत भवनों में बने क्वारंटीन सेंटरों में भले रह रहे, लेकिन वहां कड़ाई से नियमों का पालन नहीं हो रहा है। कोई बाग़ में रह रहा है और वहीं लोग बैठकर ताश खेल रहे हैं तो कोई स्कूल इत्यादि में बने क्वारंटीन सेंटर में रहते हुए भी दिनभर गांव में घूम रहा है। सोशल डिस्टैंसिंग जैसी कोई चीज़ नहीं है। गांवों की तो बात छोड़ें, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मोहल्लों में निकल जाइए, ज्यादातर लोग बिना मास्क लगाए फर्राटे भर रहे हैं, उनमें वे तमाम ऐसे अजनबी चेहरे देख रहे हैं, जो प्रवास से लौटने के कारण स्थानीय लोगों के लिए सुपरिचित नहीं हैं। सुबह-शाम वॉकिंग के दौरान ऐसे लोग (महिला-पुरुष दोनो) बिना मास्क के जत्थों में घूमते नजर आ रहे हैं। खासकर राजेंद्रनगर इलाके में शाम सात बजे के बाद ऐसे अजनबियों की तादाद बेतहाशा बढ़ जा रही है।
राज्य में ताज़ा हालात इसलिए भी डरा रहे हैं कि एक तरफ जहां रोजाना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, दूसरी तरफ लोगों की लापरवाहियां बेखौफ जारी हैं। देहरादून जिला प्रशासन ने सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को बाजार बंद रखने का निर्णय लिया है। इसकी घोषणा दो दिन पहले ही हो गई। नतीजा ये रहा कि शुक्रवार को हनुमान चौक, आढ़त बाजार, दर्शनी गेट, इंदिरा मार्केट, पलटन बाजार, रामलीला बाजार, मोती बाजार, तहसील चौक, राजा रोड मार्केट, धामावाला आदि में लोग बड़ी संख्या में उमड़ पड़े। यह सिलसिला अपराह्न तीन बजे के बाद तक बना रहा। दुपहिया वाहनों के कारण जाम बार-बार जाम लगता रहा। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रहीं।
ऐसे हालात ने प्रशासन और सरकार को भी टेंशन में डाल दिया है। शहरभर में जूस व चाट की ठेलियों पर खुलेआम संक्रमण को दावत दी जा रही है। इसको लेकर न तो प्रशासन फिक्रमंद नजर आ रहा है और न लोग ही सावधानी बरत रहे हैं। इन हालात में ये ठेलियां कभी भी संक्रमण का केंद्र बन सकती हैं। उधर, निरंजनपुर मंडी सील होने से स्थानीय किसानों के दिन बहुरने की उम्मीद जगी है। दून में स्थानीय फल-सब्जी की आपूर्ति पर ही जोर दिया जा रहा है। सरकार के निर्देश के क्रम में मंडी समिति ने बाहरी राज्यों से सब्जी की आवक बेहद कम करने का निर्णय लिया है, जबकि देहरादून और आसपास के किसानों से संपर्क कर उन्हें फल-सब्जी दून में बेचने को प्रेरित किया जा रहा है। मंडी समिति ने मालदेवता स्थित अस्थल से फल-सब्जी की आपूर्ति का निर्णय लिया है। जिस पर शासन ने भी मुहर लगा दी है।
उधर, लैंसडौन (पौड़ी) में 30 जून तक बाहरी लोगों एवं पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले स्थानीय लोगों को भी सात दिनों के संस्थागत क्वारंटीन का प्रमाणपत्र दिखाने पर ही लैंसडौन कैंट की सीमा में प्रवेश दिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस ने मांग उठा दी है कि सरकार क्वारंटीन सेंटर में मरने वालों के आश्रितों को कम से कम दस लाख रुपए का भुगतान करे। इस बीच चार धाम यात्रा पर अभी तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन जारी न होने के कारण परिवहन व्यवसायी असमंजस में हैं।
इस बीच बीच दून शहर में मेगा सेनिटाइजेशन अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान दुकानें बंद हैं और सड़कें खाली हैं। शनिवार व रविवार की साप्ताहिक बंदी के मद्देनजर नगर निगम कल भी पूरे शहर में मेगा सेनिटाइजेशन अभियान चलाएगा। नगर आयुक्त ने शुक्रवार को इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक की और शहर को चार जोन में बांटा गया। शनिवार को 50 वार्ड सेनिटाइज किए जा रहे हैं और बाकी 50 वार्डो में रविवार को अभियान चलेगा। चारों जोन में नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। साथ ही महापौर ने पार्षदों को इस अभियान की कमान संभालने के निर्देश दिए हैं।