दिसंबर, 2012 में पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से दुष्कर्म कर उसकी नृशंस हत्या कर देने वाले दरिंदों की फांसी की तारीख सामने आने के बाद एक और दिक्कत दूर हो चुकी है। इसके साथ ही मेरठ के पवन जल्लाद के इंतजार की घड़ियां भी खत्म हो गई हैं। पवन को कोर्ट के निर्भया कांड फैसले का बेसब्री से इंतजार था लेकिन जल्लादी का फरमान नहीं मिला था। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने तिहाड़ जेल प्रशासन की सिफारिश को मंजूरी दे दी है कि पवन जल्लाद से दोषियों को फांसी पर झुला सकते हैं। कारागार राज्य मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया है कि ‘तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया के दोषियों को फांसी की खातिर मेरठ के जल्लाद की सेवाएं लेने के लिए लिखा था। हमने उन्हें इसकी अनुमति दे दी है।’
गौरतलब है कि गत मंगलवार को निर्भया रेप कांड के चारों दोषियों की फांसी की तारीख मुकर्रर होने के बाद सवाल था कि उन्हें फांसी देने के लिए जल्लाद कौन होगा? अब वह मुश्किल भी समाप्त हुई। तिहाड़ जेल के एक अधिकारी मुताबिक मेरठ के जल्लाद की मांग की गई थी। जेल में चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिए जेल के पास पर्याप्त इंतजाम हैं। फिलहाल, चारों दोषी जेल में हैं और उनमें से तीन दोषियों को जेल नंबर 2 में रखा गया है जबकि एक दोषी को जेल नंबर चार में रखा गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों को फंदे पर लटकाने वाले जल्लाद कल्लू के पोते पवन कुमार ने बताया कि वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह निश्चित रूप से मेरे लिए, निर्भया के माता-पिता के लिए और हर किसी के लिए बड़ी राहत की बात है। पवन कुमार का परिवार चार दशक से इस काम से जुड़े हुआ है। पिता मामू अब तक 60 से भी ज्यादा दोषियों को फंदे पर लटका चुके हैं। इनमें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा रंगा और बिल्ला को भी मामू ने ही फंदे पर लटकाया था लेकिन पवन जल्लाद ने अभी तक एक भी दोषी को फांसी नहीं लगाई है। 56 वर्षीय पवन कुमार मेरठ के कांशीराम आवासीय कॉलोनी में रहते हैं। इनका असली नाम सिंधी राम है। जिस घर में पवन कुमार रहते हैं, उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। हालांकि पवन कुमार निर्भया के दोषियों को फंदे पर लटकाने को लेकर अपनी तैयारियां कर चुके हैं। पवन के पांच बेटी और दो बेटे हैं। चार बेटियों की शादी कर चुके हैं। अभी एक बेटी और दो बेटों की शादी करना बाकी है। पवन का कहना है कि मैंने पिछले साल सरकार से 20 हजार रुपये महीना तनख्वाह देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ दो हजार रुपये ही बढ़ाए। अब उन्हें पांच हजार रुपये महीना मिलते हैं।