पिंपरी चिंचवाड़ (महाराष्ट्र) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि राजनेता इस बात को समझ लें, अगर कोई राजनेता किसानों को पैसे नहीं देता, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, उन्हें कर्ज माफी नहीं, बल्कि उनके भावनात्मक समर्थन और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। हमें उनसे बात करने की जरूरत है। किसान कोई भिखारी नहीं हैं।
पाटेकर कलारंग संस्था की 21वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार हमेशा उनके ‘नायक’ थे। वह भारतीय राजनीति के चाणक्य हैं। किसानों की मदद के लिए शुरू की गई ‘नाम फाउंडेशन’ की मदद के लिए अभिनेता ने गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि मेरे सभी दलों में दोस्त हैं। चाहे वह शरद पवार हों, उद्धव ठाकरे या देवेंद्र फडणवीस, वे मेरे सभी दोस्त हैं। सिनेमा की दुनिया में एंट्री के लिए दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा – उन्होंने मुझे बताया कि एक समय में करोड़ों लोग मुझे देखेंगे लेकिन मुझे नाटक पसंद थे।
नाना ने कहा कि मुझे फिल्में पसंद नहीं थीं। मुझे लोगों की उपस्थिति में प्रदर्शन करना पसंद है। नाटक देखने वाले हर व्यक्ति की आंखों में अपना कैमरा होता है। कैमरा में भावनाएं नहीं हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार प्ले को देखता है और अपनी खुद की पहचान बनाता है। नाना पाटेकर ने कहा कि मान्या सुर्वे (गैंगस्टर) उनका ममेरा भाई था। गलत संगत से बचाने के लिए उनकी मां उन्हें मुम्बई से दूर मुरुड उनके गांव ले गई थीं।