केरल में आज बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के सदन में पहुंचते ही राज्य विधानसभा में विपक्षी दल यूडीएफ के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। विधायक ‘रिकॉल गवर्नर’ के पोस्टर लहराते हुए उनका रास्ता रोककर नारेबाजी करने लगे। राज्यपाल के अभिभाषण में सीएए का उल्लेख न होने का विधायकों ने जबर्दस्त विरोध किया।
गौरतलब है कि एक दिन पहले मंगलवार को राज्यपाल खान ने केरल विधानसभा में अपने अभिभाषण में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव के उल्लेख वाला पैराग्राफ पढ़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर अवगत करा दिया कि भाषण के इस हिस्से उनकी मंजूरी नहीं है। बजट सत्र की शुरुआत से पहले मंत्रिपरिषद द्वारा तैयार राज्यपाल के अभिभाषण में नागरिकता संशोधन कानून को ‘असंवैधानिक’ और ‘भेदभावपूर्ण’ बता दिया गया। सीएम विजयन के स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया गया। उससे एक दिन पहले सोमवार को मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा गया।
राज्यपाल की जवाबतलबी के बाद गत सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने राजभवन को बताया कि कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए अभिभाषण को सदन में राज्यपाल को बिना किसी बदलाव के ही पढ़ना चाहिए। इस पर राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वह प्रदेश सरकार की नीतियों और योजनाओं को लेकर ही मंत्रिमंडल या सदन के सदस्यों की सलाह को मानने के लिए बाध्य हैं। राज्यपाल के अभिभाषण के जिस हिस्से पर विवाद की स्थिति बनी है, उसमें राज्य सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ सदन में पारित रिजॉल्युशन का जिक्र किया गया है और कानून को ‘असंवैधानिक’ और ‘भेदभावपूर्ण’ बताया गया है। राज्यपाल ने कहा कि न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही संविधान का आर्टिकल 176 (1) उन्हें इस बात के लिए बाध्य करता है कि वह बाहरी विषयों को लेकर प्रदेश सरकार के पक्ष और उसकी नीतियों को अपने भाषण में शामिल करें। राज्यपाल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने भाषण में सीएए के जिक्र के जरिए नीतियों और योजनाओं के साथ अपनी राय को मिलाने की कोशिश की है।