आज दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के चीफ के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों की शहादत पर दुख जताते हुए कहा है कि मुश्किल वक्त में देश कंधे से कंधा मिलकर खड़ा है। जवानों की शहादत को देश नहीं भूलेगा। हमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी पर गर्व है। चीन की तरफ से हुई हिंसा में भारत ने अपने 20 जवान खो दिए हैं। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। इस हिंसा में नुकसान चीन को भी हुआ है, इसके 40 जवान हताहत बताए जा रहे।अब दोनो देशों के बीच जारी सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत को अभी रोक दिया गया है।धोखेबाज चीन ने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर गलवान घाटी में पूरी योजना के साथ हमला किया था। लोहे के रॉड और नुकीले डंडों से लैस चीन के कातिल जवानों ने 16 बिहार रेजीमेंट के जवानों के पर प्रहार किया, जिसमें कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू समेत 23 जवान शहीद हो गए। हिंसक झड़प की सूचना आज सुबह व्यापक स्तर पर फैल जाने के बाद उत्तराखंड में गुस्साए लोग चीन के सामानों के बहिष्कार की अपीलों के साथ चीन के राष्ट्रपति के पुतले फूंक रहे, प्रदर्शन कर रहे हैं।
अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज 18 ने लेह अस्पताल में भर्ती घायल जवानों की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी से हवाले से लिखा है कि कातिल चीनी सैनिकों ने पहाड़ों की ओट लिए निहत्थे सैनिकों को ढूंढकर उनपर हमले किए। चीन के अचानक हुए हमले से हैरान भारतीय जवानों ने उनका डटकर मुकाबला किया। गुत्थमगुत्था हुए कुछ जवान पहाड़ की ओट तक जा पहुंचे, जिससे वे नीचे गिर गए। उनके साथ चीन जवान भी नीचे गिए। ऊंचाई पर पॉइंट 14 पर मौजूद चीनी सैनिकों ने बड़े-बड़े पत्थरों को भारतीय पोजीशन की तरफ फेंका। कई भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना किया। हालांकि कई के पास अपनी सुरक्षा के लिए मौके नहीं थे। भारतीय सेना ने दावा किया है कि उन्होंने चीनी सेना की बातचीत सुनी है और चीन के 40 सैनिक मारे गए हो सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि करीब दो दर्जन सैनिक अभी जीवन और मौत से जंग लड़ रहे हैं और करीब 110 को इलाज की जरूरत है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सैन्य अफसर ने बताया कि शहीदों की संख्या बढ़ सकती है। कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सेना को पेट्रोल पॉइंट 14 के करीब बनाए गए अस्थायी टेंट को हटाने को कहा था। चुशूल में दोनों देशों के जनरलों के बीच हुई बैठक में इस इलाके को खाली करने पर सहमति बनी थी। लेकिन बावजूद इसके चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के भीतर पेट्रोल पॉइंट 14 के करीब एक अस्थायी टेंट बना लिया। सैनिकों को इस टेंट को हटाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन चीनी सेना ने इस टेंट को खाली करने से मना कर दिया और रविवार को पथराव की घटना हुई। चीन की सेना भारत को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराने लगी। फिर सोमवार रात दोनों देशों के सेनाओं के बीच खूनी संघर्ष हुआ।
गौरतलब है कि उत्तराखंड भारत का सीमांत राज्य है। यहां का तकरीबन 350 किमी का इलाका चीन सीमा से लगा हुआ है। विशेषकर चमोली व उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में कुछ चौकियां भी चीन सीमा के नजदीक बनी हुई हैं। वहीं, पिथौरागढ़ और चंपावत जिले में नेपाल की सीमा भी है। चीन की ज्यादती से उत्तराखंड के लोग गुस्से में हैं। आज, बुधवार को ऋषिकेश में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चीन के खिलाफ नारेबाजी, प्रदर्शन किया। तेजस ग्रुप के विनय रावत, संजय वर्मा, हरीश नेगी, सत्येंद्र रावत, पारस पंत, हरीश भट्ट आदि ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंका। गुस्साएं प्रदेश वासी सोशल मीडिया पर चीन के सामान का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं। भाजयुमो नेता श्याम पंत ने अपील की है कि राज्य के लोग चीन के सामान का बहिष्कार करें।
उधर, दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है- ’20 सैनिक शहीद हो गए लेकिन सरकार चुप रही। सरकार को अपने नागरिकों को विश्वास में लेना चाहिए और देश को बताना चाहिए कि चीन ने हमारी जमीन को कैसे हड़प लिया, 20 जवान कैसे शहीद हुए, मौजूदा स्थिति क्या है और इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकार की क्या रणनीति है?’ मुंबई में शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है – ‘बॉर्डर पर जो कुछ भी हुआ उसके लिए हम जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। हम सभी 20 जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री जो भी फैसला लेंगे, सभी पार्टियां उनका समर्थन करेंगी, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि वहां क्या गलत हुआ?’