लॉकडाउन से उत्तराखंड का पर्यावरण भले साफ-सुथरा हो चला हो, मौसम तो अपने हर पड़ाव पर रंग दिखाता ही है। इन दिनो उत्तराखंड में आसमान जितना साफ है, गर्मी उतनी हुई शिद्दत से चिलचिलाने लगी है। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में भी पारा सामान्य से दो-तीन डिग्री सेल्सियस ऊपर जा रहा है। पहाड़ी शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में पारे में और उछाल आने वाला है।
उधर, राजस्थान में थार का रेगिस्तान अब पूरी शिद्दत के साथ तपना शुरू हो गया है। मारवाड़ में अधिकतर स्थानों पर भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमापी का पारा 45 डिग्री को छूने लग गया है। रात का तापमान भी बढ़ने के कारण लोगों को रात में भी राहत नहीं मिल पा रही है। दो दिन से बादलों की आवाजाही पूर्ण रूप से रुक चुकी है और तापमान में बढ़ोतरी का दौर लगातार चल रहा है। हवाओं की गति कम होने और खुली धूप निकलने से पारा बढ़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है, दो-तीन दिन तक तापमान में स्थिरता अथवा बढ़ोतरी से गर्मी का असर बरकरार रहेगा और लू का प्रकोप जारी रहेगा।
जोधपुर में गुरुवार को अधिकतम तापमान 44.3 और न्यूनतम 25.6 डिग्री दर्ज किया गया। पाली में अधिकतम तापमान 44.8 और न्यूनतम 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बाड़मेर व जैसलमेर में दिन का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है। दिन निकलने के साथ सूरज आग उगलता महसूस होता है। दिन चढ़ने के साथ हवा में गर्मी बढ़ती जाती है और यह लू का रूप धारण कर लेती है। दिन के समय लोगों के लिए घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। लॉकडाउन के कारण शाम को बाजार जल्दी बंद होने के कारण लोग सुबह-सुबह अपने बाहर के काम निपटाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
प्रदेश के ज्यादातर हिस्से इस वक्त गर्म हवाओं की चपेट में हैं। आने वाले दिनों में गर्मी का असर और तेज होने वाला है। जून माह में अधिकतम पारा 48 से पार पहुंचने की संभावना है। ऐसे में मौसम विभाग ने भी आमजन से गर्मी से बचाव रखने के निर्देश दिए हैं। जरूरी काम के लिए सुबह और शाम के समय घरों से निकलने की सलाह दी है। इसके अलावा दोपहर के समय घरों में ही रहे। नींबू, इमली सहित तरल पदार्थों के ज्यूस का सेवन करते रहे। बार-बार पानी पीए और घर से बाहर निकले तो मुंह को कपड़े से ढंक कर निकले।