भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने अविवाहित, विधवा/विधुर और तलाकशुदा जवान और कर्मियों के लिए जीवनसाथी खोजने में मदद पहुंचाने के लिए एक मैट्रोमोनियल पोर्टल शुरू किया है। किसी भी अर्द्धसैनिक बल में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में लड़ाई के लिए प्रशिक्षित इस बल पर मुख्य रूप से चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। एक अफसर ने बताया कि आईटीबीपी में विभिन्न रैंकों में करीब 25000 अविवाहित पुरुष और 1000 महिलाएं हैं। बहुत सारे कर्मी सुदूर क्षेत्रों में तैनात रहते हैं। ऐसे में उनके और उनके परिवार के लिए उपयुक्त जीवनसाथी खोजना बड़ा मुश्किल काम हो जाता है। हम बस मदद करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि बहुत सारे कर्मी इस संगठन के अंदर ही जीवनसाथी चाहते हैं, क्योंकि सरकारी नियम उस दंपती को एक ही स्थान पर तैनाती की सुविधा प्रदान करते हैं। फिर अगर दोनों आईटीबीपी से होंगे तो वे एक दूसरे के काम और उनकी जरूरतों को अच्छे से समझ पाएंगे। महानिदेशक एसएस देसवाल ने हाल ही में बल के आईटी डिपार्टमेंट को मैट्रिमोनियल पोर्टल विकसित करने के लिए कहा।
आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने बताया कि पोर्टल पर अब तक 150 जवान और कर्मचारी पंजीकरण दर्ज करा चुके हैं। धीरे-धीरे यह इनकी तादाद बढ़ेगी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 24 अक्टूबर 1962 को बल की स्थापना हुई। आईटीबीपी पर मुख्य रूप से चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और इंडो-तिब्बत सीमा की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इसमें 56 बटालियन सेवारत हैं। 4 स्पेशल बटालियन हैं। इसके 17 प्रशिक्षण केंद्र और 7 लॉजिस्टिक इस्टैब्लिशमेंट हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, आईटीबीपी में करीब 90 हजार कर्मी हैं। उधर, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ,और एनएसजी और एनडीआरएफ आते हैं, जिनमें करीब 10 लाख कर्मी हैं।