फ़ेक खबरें दिखाकर, बताकर और सुनाकर पाठकों और दर्शकों की आंखों के आगे कोहरा फैलाने का मीडिया का नशा उसकी विश्वसनीयता पर अंधेरी रात की तरह पसरता जा रहा है। ‘न्यूज लॉउंड्री’ लिखता है- ‘कुछ मीडिया संस्थान जल्दबाजी और ब्रेकिंग की होड़ में अक्सर गलत या फ़ेक खबरें चला देते हैं। इसके पीछे अक्सर वजह होती है रिपोर्टिंग के बुनियादी सिद्धांतों की अनदेखी। मसलन अलग-अलग स्रोतों से खबर की पुष्टि किए बिना ही, किसी एक व्यक्ति की बात को अंतिम सत्य मानकर खबरें प्रसारित करने की हड़बड़ी। टेलीविजन मीडिया खासकर इस बीमारी से ग्रस्त है। जो कंटेंट वह लाखों करोड़ों लोगों को परोसने जा रहे है, क्या वह सही भी है या नहीं? ऐसा करने से पहले उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं होती है कि इसके नतीजे क्या हो सकते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, दिलचस्प बात यह है कि भारतीय मीडिया उस समय में गलत खबरें चला रहा है, जब हर मीडिया हाउस में एक फैक्ट चेकिंग टीम बैठी हुई है। यानी उस टीम का काम ही खबरों की जांच पड़ताल करना है।
‘बुधवार से ही पाकिस्तान की संसद की दो मिनट की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है। इसे कई बड़े पत्रकार और नेता शेयर भी कर रहे हैं। संदेश का लब्बोलुआब यह कि देखिए पाकिस्तान की संसद में मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं। यही नहीं, इस वीडियो क्लिप को कई मीडिया चैनलों और न्यूज वेबसाइटों ने भी इसी दावे से प्रसारित किया है। जैसे ही यह वीडियो सामने आया, भारतीय मीडिया के तमाम नामचीन चेहरे और उनके आधिकारिक मीडिया प्लेटफॉर्म से यह खबर फैलाई जाने लगी लेकिन जैसे ही इस बात का खुलासा हुआ कि पाक संसद में मोदी-मोदी नहीं बल्कि वोटिंग-वोटिंग के नारे लग रहे थे, कई वेबसाइट्स ने उस ख़बर को अपने यहां हटा दिया। थोड़ा सा ध्यान लगाकर सुनने पर यह स्पष्ट सुनाई भी दे रहा है कि पाकिस्तानी सदस्य वोटिंग वोटिंग का नारा लगा रहे थे। कई पत्रकारों ने अपने निजी ट्वीट को भी डिलीट कर दिया। इंडिया टीवी, टीवी 9 भारतवर्ष, इकोनॉमिक्स टाइम्स और टाइम्स नाउ ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था।
‘हालांकि यह सच्चाई सामने आने के बाद भी न्यूज़ नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपना ट्वीट अभी तक कायम रखा है। उन्होंने ट्विटर पर यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- लो भाई पाकिस्तान की संसद में लगे मोदी-मोदी के नारे। अभी तो यह झांकी है लाहौर कराची बाक़ी है। इंडिया टीवी के संपादक रजत शर्मा ने भी इस पर शो किया और इंडिया टीवी का लिंक अपने निजी टिविटर हैंडल से रीट्वीट किया। बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा था- ‘बलूचिस्तान के सांसद पाकिस्तान की संसद में मोदी-मोदी का नारा लगा रहे हैं।’
‘दरअसल पाकिस्तान में विपक्षी पार्टी के सांसद फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून के प्रकाशित होने की निंदा करने के प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग कर रहे थे। इस बहस के दौरान जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सदन को संबोधित कर रहे थे, तब विपक्ष ने ‘वोटिंग-वोटिंग’ के नारे लगाना शुरू कर दिया लेकिन कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने इसी हिस्से को पाकिस्तान में लगे मोदी-मोदी के नारे कहकर चलाना शुरू कर दिया। अब यही हिस्सा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बयान दिया था- ‘फ्रांस न तो कार्टून बनाना छोड़ेगा और न ही आर्ट बनाना। भले ही अन्य लोग पीछे हट जाएं, हम अपनी आजादी की रक्षा करेंगे और अपने सेकुलरिज्म पर कायम रहेंगे।’ इसके बाद से ही उनके खिलाफ मुस्लिम देशों में भारी विरोध शुरू हो गया है। कई मुस्लिम देशों ने फ्रांस में बने सामानों के बहिष्कार की घोषणा की है।’