इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी), जो नर्सिंग से जुड़े सभी कोर्सों के लिए नियम और शर्तें तय करती है, बीएससी नर्सिंग कोर्स में दाखिले की शर्तों में बदलाव करने पर विचार कर रही है। आर्ट्स और कॉमर्स से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को भी बीएससी नर्सिंग कोर्स में एडमिशन मिल सकता है। आईएनसी ने बीएससी नर्सिंग कोर्स में दाखिले की शर्तों में बदलाव का मसौदा तैयार कर लिया है। उसने इस ड्राफ्ट पर जानकारों की राय मांगी है।
अभी चार साल के बीएससी नर्सिंग कोर्स में सिर्फ साइंस से 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स को दाखिला देने का नियम है। इस शर्त को पूरी करने वाले स्टूडेंट्स को दाखिले के लिए प्रतियोगी परीक्षा पास करनी पड़ती है। अगर आईएनसी के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो 45 फीसदी अंक के साथ 12वीं पास करने वाले सभी स्टूडेंट्स बीएससी नर्सिंग के एंट्रेंस एग्जाम में बैठ सकेंगे। यह नियम देशभर में लागू होगा।
अगले साल वर्ष 2021 से जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कोर्स (जीएनएम) बंद करने के फैसले के बाद बीएससी नर्सिंग में दाखिले के नियम में बदलाव का विचार किया गया है। आईएनसी के सदस्य डॉ रामलिंग माली का कहना है कि यह एक तरह से बीएससी प्रोग्राम की हत्या करने और जीएनएम प्रोग्राम को उन्नत करने जैसा है। जानकारों का कहना है कि जीएनएम कोर्स बंद हो जाने से नर्सिंग के पेश में आर्ट्स और कॉमर्स स्टूडेंट्स के आने के लिए दरवाजा बंद हो जाता। ऐसा लगता है कि इसी वजह से काउंसिल आर्ट्स और कॉमर्स के स्टूडेंट्स को बीएससी नर्सिंग कोर्स की इजाजत देना चाहती है।