पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एलओसी की दूसरी तरफ सोमवार और मंगलवार को नीलम घाटी में जबरदस्त हिमस्खलन हुआ था। इसमें कम से कम 57 लोगों की मौत हुई है और बहुत से लोग लापता हैं। स्थानीय प्रशासन की तरफ से जारी बयान के मुताबिक हिमस्खलन की वजह से काफी संख्या में घर बर्बाद हो गए हैं। बर्फबारी के साथ-साथ बारिश की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल आ रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर मौजूद पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) की वजह से क्षेत्र में भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है। हिमाचल प्रदेश में भी पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। नए साल की शुरुआत के साथ ही हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में बहुत भारी और भारी बारिश देखने को मिली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक अभी राहत के आसार नहीं हैं और 16 जनवरी यानी गुरुवार को पश्चिमी विक्षोभ अपने चरम पर पहुंच सकता है।
इधर, कश्मीर में भारी हिमस्खलन से लोग भारी मुसीबत में फंसे हैं। कश्मीर घाटी में हिमस्खलन से 12 मौतें हो चुकी हैं। अब तक बीएसएफ के एक और सेना के पांच जवान शहीद हुए हैं। पिछले चार वर्षों में हिमस्खलन की चपेट में आकर देश के 74 जवान शहीद हो चुके हैं। इस समय कश्मीर और लद्दाख के ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है।