आज 75 दिन बाद धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्त्रां कंटेनमेंट जोन और देहरादून को छोड़कर उत्तराखंड में खुल रहे हैं। ये 25 मार्च को पहले लॉकडाउन के समय से बंद थे। सरकार ने आज से कई गतिविधियों को छूट दे दी है। देहरादून नगर निगम से बाहर ऋषिकेश नगर निगम, मसूरी, डोईवाला, विकासनगर, हरबर्टपुर नगर पालिका क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लागू नहीं है। यद्यपि इस पर अंतिम मुहर आज देहरादून जिलाधिकारी को लगानी है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि गाइडलाइन के अनुरूप आज सोमवार को निर्णय लिया जाना है।
बहरहाल, जो लोग आज से धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्त्रां जाएंगे, उनको इन जगहों पर छह फीट की दूरी, चेहरे पर मास्क, सेनेटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। सिर्फ़ बिना लक्षण वाले लोगों को ही आने की अनुमति है। ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों और मॉल में 65 साल के ऊपर के बुजुर्गों, 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गभर्वती महिलाएं और बीमार व्यक्तियों को नहीं जाने की सलाह है।
धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को प्रवेश द्वार नियत अवधि पर नियमित रूप से सेनेटाइज़ करते रहना है। धार्मिक स्थलों में आने वालों को अपने जूते-चप्पल गाड़ी में ही छोड़ने होंगे। जिनके पास गाड़ी नहीं हैं, उन्हें रखने की ख़ुद ही व्यवस्था करनी होगी। मंदिरों में प्रसाद का वितरण नहीं किया जाना है। धार्मिक स्थलों में प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग रास्ते की व्यवस्था बनानी है। मूर्तियों और पवित्र ग्रंथों को छूने की अनुमति नहीं है। सामूहिक अनुष्ठान पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
मॉल में आने वालों को मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। फूड स्टॉल में उनकी कुल क्षमता के 50 फ़ीसदी लोगों के ही बैठने की अनुमति है। एक ग्राहक के जाने पर टेबल को सेनेटाइज़ करना जरूरी है। डिस्पोज़ेबल मेन्यू रखना जरूरी है। एसी से 70 फ़ीसदी ताज़ा हवा आनी चाहिए।
इन सार्वजनिक स्थानों पर डोर नॉब, एलेवेटर बटन, हैंड रेल, बेंच और वॉशरूम फिक्स्चर जैसी बार-बार छुई जाने वाली सतहों को साफ़ करते रहना है। टॉयलेट को थोड़े-थोड़े वक़्त में अच्छे से साफ़ करते रहना है। रिसेप्शन पर हैंड सेनेटाइज़र रखना अनिवार्य है। डिज़िटल पेमेंट को बढ़ावा देना होगा। होटलों में खाने के लिए रूम सर्विस को प्राथमिकता देनी है। रेस्तरां में थर्मल स्क्रीनिंग यानी तापमान मापना अनिवार्य है।