दावे तो बड़े-बड़े किए जा रहे हैं, सरकार ही नहीं, बड़े मीडिया घरानों की ओर से भी कि बाहर से 50 हजार आ गए, एक लाख आ गए, आ भी रहे हैं लेकिन दिल्ली, लखनऊ, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मुंबई में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी भाइयों के ‘खबरी’ न्यूज (khabrii.com) को लगातार दुखद सूचनाएं मिल रही हैं। उन्हे न संबंधित राज्य सरकारों से कोई मदद मिल पा रही है, न उत्तराखंड शासन और सरकार से। जो हेल्पलाइन नंबर उत्तराखंड सरकार की ओर दिए जा रहे हैं, वे या तो बंद मिल रहे हैं, या अटेंड-रिसीव नहीं किए जा रहे हैं।
इस समय चेन्नई, हैदराबाद तक की बात हो रही है लेकिन बगल में दिल्ली-नोएडा-लखनऊ में फंसे लोगों की चिंता कौन करे, एक गंभीर सवाल है। ज्यादातर लोग उन्हे ज्ञान देकर अपने पिंड छुड़ा ले रहे हैं कि क्या करोगे उत्तराखंड आकर, वहीं पड़े रहो, बड़ा खतरा है बाहर निकलने में। हालात के मुताबिक हिदायत तो बड़ी नेक और आदर्श है लेकिन जब दिल्ली में फंसे मनोज सिंह खबरी से कहते हैं कि हम न लौटे तो कोरोना नहीं, भूख से मर जाएंगे, पैदल ही चल पड़ेंगे, ऐसी बातें झकझोर दे रही हैं कि वाकई हमारे उत्तराखंड के भाई-बंधु किस कदर मुसीबतों से जूझ रहे हैं। सरकारी बातें कुछ और हैं, हकीकतें कुछ और। उसी राजधानी में बातें तो 20 लाख करोड़ के पैकेज की हो रही हैं, जहां आम आदमी के नाम पर पार्टी चलाने वाले, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के सपने दिखाने वाले बैठे हैं। ये है जमीनी हकीकत।
हाल ही में उत्तराखंड सरकार की ओर से बताया गया कि जो लोग बाहरी आवागमन के लिए ई-पास बनवा सकते हैं, लिंक- smartcitydehradun.uk.gov.in/e-pass (पहले http://smartcitydehradun.uk.gov.in/e-pass लिंक पर क्लिक कर बनवा लें। साथ ही नोडल अधिकारी आलोक पांडेय का संपर्क नंबर – 6398500571 जारी किया गया। इससे पहले भी कई नंबर जारी किए जा चुके, लेकिन किस काम के, जब परेशान लोग अपना दुखड़ा नहीं बता पा रहे क्योंकि खासकर ये नंबर तो कत्तई रिसीव नहीं हो रहा।
अब पढ़िए, मानवर सिंह नेगी की बात – ‘कब तक इंतजार करें, भूख से मर जाएंगे हम लोग,
इंतजार करते करते तो कई दिन हो गए, 30 तारीख से इंतजार कर रहे हैं, और जगह बसें लग रही हैं मगर यूपी-दिल्ली में नहीं, क्यों?’ मनोज सिंह बता रहे हैं- ‘हम गरीबों का कोई नहीं है, जहाँ-जहाँ उनके लोग हैं, उनको ले जा रहे हैं।’ अब सवाल उठता है कि उनके यानी किसके, यानी नेताओं, अफसरों, जुगाड़बाजों के। उत्तराखंड से रिषभ सिंह बता रहे हैं कि दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा में काफी लोग फंसे हुए हैं। उनकी कोई नहीं सुन रहा है। कानपुर से नंदन सिंह पूछ रहे हैं, उनके यहां से उत्तराखंड के लिए कब बस चलेगी। बबलू गुंसाईं पूछ रहे, राजस्थान से कोई बस उत्तराखंड नहीं जा रही क्या। रोजाना ये सवाल पूरे देश से बढ़ते जा रहे हैं, परेशान प्रवासियों को कैसे, क्या बताया जाए।
कल दो नंबर जारी हुए कि पास बनवा लो, पास बनवा लो……..देहरादून-मसूरी-डोईवाला-ऋषिकेश-चकराता-विकासनगर के लोग व्हाट्सएप पर बनवाएं पास- 8191099301 / 0135-2623819. कभी राशन तो कभी राशन कार्ड का रोना। कांग्रेस के नेता सरकार की आलोचना में ज्यादा, परेशान लोगों की मदद में कम मन लगा रहे हैं। भाजपा तो खैर सरकार, हुजूर है। बबलू गोसाईं कहते हैं- रजिस्ट्रेशन तो हो रहे हैं, पर समय से पता नहीं चल रहा है कि कब तक कौन लौट सकता है। सवाल एकदम वाजिब है। सरकार के साथ भी एक दिक्कत तो है कि मस्ती से दिन कट रहे थे, आ गया कोरोना, अब एक साथ लाखों लोगों को कैसे ले आएं। अब मीडिया से जितनी ज्यादा दुंदभी बजवाई जा सके, बजाते रहो….बजाते रहो।
एक सूचना कल आई कि उत्तराखंड में घर बैठे इन व्हाट्सएप नंबरों पर पास बनवाइए। अब पता नहीं, उसका क्या हाल है। बताया गया कि लॉकडाउन में फंसे लाखों उत्तराखंड वासियों की असुविधाओं का ध्यान रखते हुए सरकार और शासन ने देहरादून सदर, मसूरी, डोईवाला, ऋषिकेश, विकासनगर और चकराता परिक्षेत्रों के लिए घर बैठे व्हाट्सएप पर पास बनवाने को प्रशासनिक अधिकारियों के मोबाइल नंबर जारी किए हैं।
जो इस प्रकार हैं- देहरादून सदर-8191099301, मसूरी- 7895110040, डोईवाला-9412952973, ऋषिकेश-8193972232, विकासनगर-9917628815, चकराता-9458905356 एसडीएम प्रशासन रामजी शरण शर्मा के मुताबिक, मंगलवार से उपरोक्त नंबरों पर संबंधित क्षेत्रों के एसडीएम ऑफलाइन पास जारी करेंगे। इन मोबाइल नंबरों पर व्हाट्सएप से पूरी जानकारी देनी होगी, जिसमें नाम, पता, मोबाइन नंबर, कब के लिए पास चाहिए, आदि का उल्लेख करना होगा। इसके बाद एसडीएम अपने स्तर से व्हाट्सएप पर ही पास जारी कर देंगे। इस दौरान निजी वाहन से जाने वाले लोग भी अपना पास बनवा सकते हैं। अब भगवान जानें, नंबर तो जारी हो गए, लोगों के पास बन भी रहे या नहीं। चिंता तो इस बात की है पुणे, सूरत, चेन्नई बेंगलुरू से गाड़ियां आ रही हैं, लखनऊ-दिल्ली-नोएडा से नहीं।