एक ताज़ा सर्वे में बताया गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा को सत्ता नसीब नहीं होने जा रही है। ‘आप’ की ही सरकार बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कैंपेनिंग से दिल्ली चुनाव में हवा का रुख बदला जरूर है लेकिन इतना भी नहीं कि उसे सत्ता हासिल हो जाए। वह शायद ही आम आदमी पार्टी को हटाकर दिल्ली की सत्ता पा ले। एबीपी न्यूज – सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, 61 प्रतिशत लोगों ने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों से बीजेपी को फायदा होने वाला है, लेकिन यही सर्वे यह भी कहता है कि आप इस चुनाव में 42 से 56 सीटों के साथ अपनी सत्ता बचा लेगी जबकि बीजेपी के हिस्से में 10 से 24 सीटें ही आ सकती हैं। इस तरह दिल्ली की सत्ता से 21 साल के वनवास को तोड़ने का पार्टी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।
न्यूज चैनल टाइम्स नाउ की तरफ से किए गए सर्वे के बाद अब एबीपी न्यूज और सी वोटर ने मिलकर ऑपिनियन पोल किया है। इस सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत लोगों ने कहा कि शाहीन बाग का धरना गलत है। वहीं, 83 प्रतिशत लोगों का मानना है कि शाहीन बाग का धरना सियासी मुद्दा बन चुका है। 39 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना कि शाहीन बाग के मुद्दे से चुनाव में भाजपा को फायदा होगा जबकि 25 फीसदी को लगता है कि इससे आम आदमी पार्टी फायदे में रहेगी। सिर्फ चार फीसदी लोग ही इस मुद्दे से कांग्रेस को फायदा होते देख रहे हैं।
सर्वे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैलियों पर भी सवाल किया गया। जब लोगों से पूछा गया कि शाह की जनसभाओं से हवा का रुख भाजपा की तरफ होगा तो 53 फीसदी ने हां में जवाब दिया, जबकि 29 फीसदी लोगों को ऐसा होता नहीं लग रहा है। वहीं, 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कहना मुश्किल है।
सर्वे में अलग-अलग दिन कितने प्रतिशत लोगों ने किस पार्टी के प्रति अपना समर्थन जताया, उसका भी आंकड़ा पेश किया गया है। गौरतलब है कि 8 फरवरी को मतदान से पहले 6 फरवरी को प्रचार अभियान थम जाएगा। एबीपी न्यूज का दावा है कि उसने इस ऑपिनियन पोल के लिए दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के 11 हजार से ज्यादा लोगों से बात की और अलग-अलग मुद्दों पर उनकी राय मांगी।
इसके मुताबिक, जब लोगों से पूछा गया कि क्या वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली से बाहर के मानते हैं तो 21 फिसदी ने हां में जबकि 72 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया। वहीं, 7 फीसदी लोग इस सवाल पर कोई राय नहीं बना पाए। दिल्ली के 48 प्रतिशत लोग मानते हैं कि निजी तौर पर केजरीवाल को निशाना बनाने के कारण भाजपा को नुकसान उठाना पड़ेगा, वहीं 24 फीसदी लोग मानते हैं कि इससे भाजपा को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। (‘एनबीटी’ से साभार)