प्याज की कीमतों में चालीस फीसद तक गिरावट आ जाने का पहला असर ये हुआ है कि किसान बचाकर रखी प्याज बाजार में लाने लगे हैं। इस समय प्याज की थोक में 50 रुपए और खुदरा में 70 रुपए तक कमी आ गई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव समेत मप्र, गुजरात और राजस्थान में नई प्याज की आवक होते ही मंडियों में सप्लाई भी डेढ़ से दो गुना बढ़ गई है।
अब कीमत में गिरावट की आशंका से किसान जल्दबाजी में कच्ची प्याज बेच रहे हैं। नासिक में भी के थोक प्याज की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है। अभी दक्षिण भारत में पोंगल की वजह से प्याज की आवक बढ़ी है। इसी वजह से दामों में फिलहाल स्थिरता है। चंडीगढ़ में प्याज की आवक दोगुनी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए जिस विदेशी प्याज का आयात किया है, उसे उठाने को अब राज्य सरकारें तैयार नहीं हैं।
राज्य सरकारों का मानना है कि केंद्र से जिस कीमत में प्याज खरीदा जाएगा, उतने में स्थानीय स्तर पर प्याज उपलब्ध होगा। रांची के आलू-प्याज के थोक कारोबारियों का कहना है कि एक सप्ताह में बढ़िया प्याज की कीमत 30 रुपए तक आ सकती है। जयपुर में एक माह में प्याज के भाव 25 रुपए प्रति किलो तक घट सकते हैं क्योंकि अगले माह से जयपुर, सीकर, कुचामन, मथानिया से प्याज की नई आवक शुरू हो जाएगी।