एक तरह जहां देश कोरोना वायरस की दहशत में डूबा है, वहीं उत्तराखंड में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है। भारी बारिश और कई इलाकों में हिमकणों से फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों की 90 प्रतिशत फसल किसी काम की नहीं रह गई है। काश्तकारों को सर्दियों में हुई अच्छी बर्फबारी के बाद उम्मीद थी कि इस बार फलों का उत्पादन ज्यादा होगा लेकिन बेमौसम ओलावृष्टि ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
रामगढ़ ब्लॉक के भैराकोट गांव में रहने वाले 70 वर्षीय इंद्र सेन ने बताया कि 13 से 15 मार्च तक हुई बारिश और बर्फबारी ने फसल बर्बाद कर दी। इंद्र सेन बताते हैं कि आड़ू, पुलम और खुमानी के बौंर और फूल भारी ओलावृष्टि से बर्बाद हो गए हैं। इंद्रसेन जैसे कई किसान अपने साल भर का खर्चा फलों को बेचकर ही चलाते हैं। केवल फलों की फसल ही बर्बाद नहीं हुई है बल्कि रामगढ़-मुक्तेश्वर फ्रूट बेल्ट में आलू, मटर और बीन की सब्जियों बर्बाद हो चुकी हैं और ओले से अभी भी खेत अटे हुए है।
पिछले कुछ सालों से सर्दियों में कम बर्फबारी और बारिश के कारण सूखे के हालात थे और सेब के उत्पादन में भी गिरावट आ रही थी, परंतु इस बार दिसंबर और जनवरी में अच्छी बर्फबारी से काश्तकारों के चेहरे खिले थे लेकिन नैनीताल में फरवरी और मार्च महीने में हुई बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी ने काश्तकारों की बेचैनी बढ़ा दी है। रामगढ़-मुक्तेश्वर फ्रूट बेल्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां जिन फलों के फूल खिल चुके थे उसे ओलावृष्टि ने गिरा दिया है जबकि मटर और आलू की फसल भी बर्बाद हो चुकी है। रामगढ़, धारी, ओखलकांडा बेतालघाट के इलाकों में गेहूं की फसल भी प्रभावित हुई है। काश्तकारों की माने तो जिन फलों के पेड़ों पर फूल दिख भी रहे हैं वो भी गिर जाएंगे और इसमें टैफिना बीमारी लगने का खतरा बढ़ गया है।
पिछले 30 सालों में जलवायु परिवर्तन का इससे बड़ा असर मार्च-अप्रैल के महीनों में पहले कभी नहीं देखा गया। इन महीनों में अमूमन बारिश कम होती है लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में 10 दिनों तक लगातार बारिश हुई जिससे वाटर स्प्रिंग तो चार्ज हो गए हैं लेकिन काश्तकारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ में ओलावृष्टि और भारी वर्षा से बर्बाद हुई फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए पंचायत प्रतिनिधि मुखर हो गए हैं। जिले की दो ब्लॉक प्रमुखों ने शनिवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर किसानों की समस्या उठाते हुए अविलंब क्षतिपूर्ति दिए जाने की मांग की है। जिले में ओलावृष्टि से गेहूं, मसूर की फसल सहित सब्जी, फलों को भारी क्षति पहुंची हैं। ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। शनिवार को बिण विकास खंड की ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी गोस्वामी, मूनाकोट की ब्लॉक प्रमुख नीमा वल्दिया ने जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे से मुलाकात की और उन्हें किसानों की समस्या से अवगत कराया। दोनों पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि फसल बर्बाद हो जाने से किसानों की आमदनी खत्म हो गई है। किसानों को अविलंब मुआवजा देने के साथ ही उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त खाद्यान्न, सब्जी के साथ ही नए सिर से सब्जी उत्पादन के लिए पौध वितरित कराए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने इस मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा पंचायत प्रतिनिधियों को दिया। जिलाधिकारी से मिलने वालों में यूथ कांग्रेस अध्यक्ष ऋषेंद्र महर भी शामिल थे।