बाहर से उत्तराखंड लौट रहे प्रवासियों के लिए अलग-अलग क्वारंटीन इंतजाम किए जा रहे हैं। गढ़वाल के लिए हरिद्वार, कोटद्वार, मुनिकीरेती और कुमाऊं के लिए हल्द्वानी और रुद्रपुर को सेंटर बनाया गया है। हरिद्वार में चार जिलों के प्रवासियों को क्वारंटीन कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा। पूल के माध्यम से इन सैंपलों की जांच होगी। एक पूल में 20-20 सैंपल शामिल किए जाएंगे। यदि किसी ग्रुप की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो फिर उसके सभी 20 सैंपलों की अलग-अलग जांच होगी। रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली के प्रवासियों के लिए हरिद्वार, ज्वालापुर, पिरान कलियर सहित पूरे जिले में 50 स्थानों पर क्वारंटी व्यवस्थाएं की गई हैं। हाल ही में मुंबई से लौटे 1607 प्रवासियों को पिरान कलियर में क्वारंटीन किया गया। सैंपलों की रिपोर्ट मिलने तक प्रवासी इन सेंटरों पर ही बने रहेंगे। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो आइसोलेट कर इलाज किया जाएगा। निगेटिव रिपोर्ट वाले घर भेज दिए जाएंगे। सड़क मार्ग से आने 127 लोगों को नारसन बॉर्डर से 78, भगवानपुर काली नदी से 27 और मंडावर से 20 लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया गया है।
उत्तरकाशी लौट रहे कई प्रवासियों में कोरोना की पुष्टि के बाद गत देर रात जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने आला अधिकारियों की आपात बैठक में जरूरी-दिशा निर्देश देते हुए कहा कि प्रवासी अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं। इस वक्त ग्रामीण स्तर पर पंचायत क्वारन्टीन में रखे गए प्रवासियों पर कड़ी नजर रखना जरूरी है। जिलाधिकारी ने जिले के लोगों, खासकर ग्राम प्रधानों और ग्राम स्तरीय टीमों को हिदायत दी है कि ग्रामीण स्तर पर और अधिक सतर्कता बरतें। गुरुवार देर शाम महाराष्ट्र से लौटे तीन प्रवासियों की कोरोना सैंपल की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन्हें पहले से ही आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। एक व्यक्ति की दूसरी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जो अब स्वस्थ है। वहीं एक व्यक्ति जिनका सैंपल ऋषिकेश में लिया गया था, उन्हें वापस ऋषिकेश रैफर किया गया है। जनपद में अब तक कुल सात कोरोना केस एक्टिव हैं।
इस बीच बताया गया है कि मुंबई-दिल्ली से ऊधमसिंह नगर लौटे प्रवासियों में सबसे अधिक सैलून में काम करने वाले कोरोना संक्रमित मिले हैं। विगत तीन दिनों में भेजे गए सैंपल में 20 से ज्यादा सैंपल ऐसे लोगों के हैं, जो मेट्रो सिटी के सैलूनों में काम करते थे। अब ऊधमसिंह नगर में सैलून में काम करने वालों की ढूंढ मची है। स्वास्थ्य विभाग का अब ज्यादा जोर सैलूनों में काम करने वालों की सैंपलिग पर है। वैसे तो कुमाऊं मंडल में कुल संक्रमितों की संख्या 67 हो गई है लेकिन दो जिले पिथौरागढ़ और चंपावत अब तक कोरोना से मुक्त हैं। अब तक बागेश्वर में छह, नैनीताल में 28, उधमसिंहनगर में 29 और अल्मोड़ा में चार संक्रमित मिले हैं। बागेश्वर जिले में मिले चारों कोरोना पाजिटिव दिल्ली, गाजियाबाद से कुछ दिन पहले यहां पर आए हुए थे। यह लोग निजी कंपनी में कार्य करते थे। दो लोग होम क्वारंटाइन में थे। जबकि दो लो संस्थागत क्वारंटाइन में रह रहे थे। होम क्वारंटाइन में रह रहे दो लोगों को दिक्कत होने पर आइसोलेशन में भर्ती कराया गया। दोनों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था।
संस्थागत क्वारंटाइन में रह रहे दो लोगों में से एक को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया हैं। वहीं दूसरा व्यक्ति संस्थागत क्वारंटाइन में ही हैं। चारों लोगों के सैंपल पाजिटिव आए है। अब इन सभी लोगों में कोरोना पाजिटिवों आने के बाद इनकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है। चिकित्सकों की आम राय के बाद इन्हें हायर सेंटर ले जाने या यहीं रखने पर निर्णय लिया जाएगा। पिछले दो दिनों में जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 हो गई हैं। पहले मिले दो मरीजों को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में भर्ती कराया गया है।
ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में एलडी भट्ट अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के भर्ती संक्रमित की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जसपुर बार्डर के पास अफजलगढ़ तक ये संक्रमित पांच अन्य लोगों के साथ आया था जिसमें से दो युवक जसपुर में पहले ही संक्रमित पाए जा चुके हैं। कोविड के नोडल डॉक्टर अमरजीत सिंह का कहना है कि 17 मई को यह लोग किसी गाड़ी से जयपुर के अफ़ज़लगढ़ तक पहुँचे थे। पैदल आ रहे इन लोगों को पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया। इसमें जसपुर के दो युवक थे जिन्हें वहीं केवीएम क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया। इनमें अन्य तीन को एक प्राइवेट वाहन से काशीपुर भेज दिया गया जहाँ इन्हें आइआइएम क्वारंटाइन भेज दिया गया था। 18 को इन तीन युवकों को एलडी भट्ट अस्पताल में शिफ्ट किया गया। 19 को तीनों संदिग्ध लोगों का कोविड टेस्ट हल्द्वानी भेजा गया। इसी बीच जसपुर में इनके दो साथी जो मुंबई से इनके साथ आए थे, पॉजिटिव पाए गए हैं। संक्रमित युवक को हल्द्वानी भेज दिया गया। निगेटिव मिले दो अन्य युवकों का टेस्ट फिर से भेजा जाएगा।
अल्मोड़ा जिले में एक और प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ताड़ीखेत ब्लॉक के रिची बिल्लेख गांव का यह प्रवासी अपनी बेटी के साथ नागरिक चिकित्सालय में आइसोलेट किया गया था। दो वर्षीय पुत्री की रिपोर्ट निगेटिव आई है। एहतियातन प्रवासी की पत्नी व दूसरी बेटी को संस्थागत क्वारंटान कर स्वैब जांच के लिए भेजा जा रहा है। संक्रमित युवक ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी करता था। पॉजिटिव मिला 33 वर्षीय प्रवासी 10 मई को गुरुग्राम से रोडवेज बस से पत्नी, दो व तीन वर्ष की दो बेटियों के साथ आया था। 11 को वह होटल मैनेजमेंट संस्थान स्थित अस्थायी चिकित्सालय में पहुंचे। यहां थर्मल स्क्रीनिंग में तापमान सामान्य पाया गया। होम क्वारंटाइन पर रहने के निर्देश दे घर भेज दिया। 19 मई को उसकी एक बेटी को बुखार की शिकायत पर उसका पिता नागरिक चिकित्सालय में लाया। जहां पिता पुत्री को तत्काल आइसोलेट कर 20 मई को दोनों के स्वैब नमूने जांच के लिए एसटीएच हल्द्वानी भेजे गए।
इस बीच देहरादून नगर निगम के महापौर सुनील उनियाल गामा की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की पहली ही बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना संकट बीतने के बाद राजधानी में राज्य के बाहर के वाहनधारक आगंतुकों को ग्रीन टैक्स देना पड़ेगा। यद्यपि देहरादून में पंजीकृत वाहनों को इससे छूट रहेगी। बैठक में महापौर ने प्रस्ताव रखा कि मसूरी-मनाली जैसे अन्य शहरों में बाहरी राज्यों के वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूला जाता है। अतः देहरादून में भी ये टैक्स लगाया जाना चाहिए। पार्षदों ने इस पर सहमति जताई है। अब नगर निगम इसका पूरा ब्योरा तैयार कर शासन को मंजूरी के लिए भेजेगा।