जनवरी के आखिरी दिन कड़ाके की ठंड के बावजूद करीब 30 हजार स्कूली बच्चों ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव डालने के लिए प्रदर्शन किया. छात्रों का यह प्रदर्शन पिछले चार हफ्तों से हर गुरुवार को हो रहा है. वे स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर अपनी पृथ्वी को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. बेल्जियम की तरह यूरोप के दूसरे देशों के अलग अलग शहरों में भी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. जर्मनी में छात्रों और प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन शुक्रवार को होता है. पिछले शुक्रवार जर्मनी के विभिन्न शहरों में हजारों स्कूली और यूनिवर्सिटी के छात्रों ने पर्यावरण के लिए प्रदर्शन किया. बर्लिन में प्रदर्शन का नजारा. छात्रों का ये प्रदर्शन स्वीडन की 15 वर्षीया स्कूली छात्रा ग्रेटा थूनबर्ग के विरोध से प्रभावित है जो पिछले छह महीने से हर शुक्रवार संसद के सामने क्लास छोड़कर धरना दे रही है. पोलैंड के स्कूली छात्रों ने विश्व जलवायु सम्मेलन के दौरान काटोवित्से में आयोजनस्थली पर पर्यावरण संरक्षण के लिए रैली निकाली थी.