देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की गति तेज होने लगी है। इस बीच कुछ लोग प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम स्वास्थ्य संगठनों की अपीलों और सुझावों को नजरअंदाज करते हुए लापरवाही की खौफनाक मिसाल पेश कर रहे हैं। देहरादून के चाहे किसी भी मोहल्ले में चले जाइए, दिन-रात बारक सवार फर्राटा भर रहे हैं। पता नहीं क्यों पुलिस उन्हे चौराहों पर नहीं रोक रही है। अब समय आगया है कि मोहल्लों के जागरूक लोग अपने अपने स्तर पर मोहल्ला कमेटियां बनाकर ऐसे लोगों पर लगाम कसें, वरना कोरोना महामारी के रूप में विश्व का सबसे बड़ा खतरा दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।
यूपी के कानपुर में सब्जी मंडी में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी जबकि शहर में 25 मार्च तक लॉकडाउन घोषित है। कुछ जगहों पर तो लोगों ने रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील की भी धज्जियां उड़ा दीं। आज लॉकडाउन के बीच कई जगह भीड़भाड़ की तस्वीरें आने लगीं हैं। इससे खफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की। आज जब कोरोना वायरस महामारी से एकजुट होकर मुकाबला करने का वक्त है तो कुछ संदिग्ध अस्पताल से भाग रहे हैं तो कुछ ट्रेनों से यात्रा कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी का दुनियाभर में मच रहे तांडव को देखकर भी लोग संभल नहीं रहे हैं। दुख की बात यह है कि ऐसे लोगों में बॉलिवुड की मशहूर हस्ती से लेकर जाने-माने नेता तक शामिल हैं।
दिल्ली से सटे नोएडा की तरफ जाने वाली गाड़ियों की कतार लग गई। पुलिस वालों ने इन्हें रोकने की कोशिश की। दिल्ली के लोकनयाक जयप्रकाश नारायण (LNGP) अस्पताल से 19 मार्च को कोरोना के छह संदिग्ध भाग गए। उन्हें अगले दिन उनके घरों से ढूंढकर अस्पताल लाया गया। वहीं, 14 मार्च को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक सरकारी अस्पताल से कोरोना वायरस के तीन संदिग्ध बिना सूचना दिए भाग गए। इनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं।
पंजाब के नवांशहर जिला स्थित पठलवा गांव के निवासी बलदेव सिंह की लापरवाही ने न केवल उनकी जान ले ली, बल्कि परिवार के चार सदस्यों की जान पर भी खतरे में डाल दिया। बलदेव अपने साथियों के साथ जर्मनी और इटली गए थे। उन सभी ने देश लौटने के बाद अपनी जांच करवाई और न ही किसी तरह की सतर्कता बरती। बलदेव का कोविड-19 से 18 मार्च को देहांत हो गया। बलदेव के साथ जर्मनी और इटली गए संत गुरबचन सिंह आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला समारोह में भी शामिल हुए। वहीं, तीसरे साथी दलजिंदर सिंह विदेश से लौटकर लोगों से खूब घुलते-मिलते रहे। नतीजा है कि गांव के सरपंच भी संक्रमित हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता रामाकांत यादव ने तो हद कर दी। उन्होंने कोरोना को केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी की तरफ से उड़ाया गया अफवाह बता दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र एनआरसी, सीएए, एनआरपी, महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कोरोना का शोशा छोड़ दिया। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर किसी को कोरोना है तो वह उसे गले तक लगाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘बड़ी शर्म है लगती है कि कोरोना के लिए इमर्जेंसी लगाई जा रही है।’ रामाकांत यादव के खिलाफ उचित धाराएं लगाकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।