इंदौर (मध्यप्रदेश) में जूनी थाने के प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी (45) की दो बार कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद शनिवार रात मौत हो जाना नए तरह के चौंकाने वाले सवाल पैदा कर रही है। गौरतलब है कि शनिवार को पंजाब के लुधियाना में कोरोना पॉजिटिव एसीपी अनिल कोहली की जान चली गई थी। इंस्पेक्टर चंद्रवंशी पिछले 19 दिनों से अरविंदो अस्पताल में भर्ती थे। उनकी पहली कोरोना रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, लेकिन बाद में दो रिपोर्ट निगेटिव आईं। अस्पताल प्रबंधन के प्रमुख डॉ. विनोद भंडारी का कहना है कि चंद्रवंशी की मौत पल्मोनरी एम्बोलिज्म की वजह से हुई। रविवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी। टीआई के साथ तैनात एएसआई भी संक्रमित हैं।
सीएसपी दिशेष अग्रवाल के मुताबिक, टीआई का अरविंदो अस्पताल में कई दिनों से इलाज चल रहा था। कोरोना के साथ ही उन्हें निमोनिया का संक्रमण बहुत ज्यादा हो गया था। हालत गंभीर होने पर वे 15 दिन से वेंटिलेटर पर थे। कोरोना से गंभीर प्रभावित शहर इंदौर में शनिवार को आई रिपोर्ट में महज 9 नए मरीज मिले, जो बीते 7 दिन में सबसे कम रहे। इससे पहले 12 अप्रैल को 8 मरीज आए थे। इसके साथ ही शहर में कुल मरीजों की संख्या 890 हो गई। हालांकि इसको लेकर कुछ पेंच हैं। दरअसल, शुक्रवार को 50 नए मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर में मरीजों की कुल संख्या 892 बताई थी। शनिवार को इसे घटाकर 881 कर दिया। बाद में सीएमएचओ ने स्पष्टीकरण दिया कि शुक्रवार को जो 50 की सूची आई थी, उसमें 11 मरीज दूसरे जिलों के थे, इसलिए उन्हें हटा दिया।
इंस्पेक्टर की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। कोरोना रिपोर्ट दो बार निगेटिव आ जाने के बावजूद डॉक्टर उनकी जान क्यों नहीं बचा सके, प्रशासन इस बात पर ध्यान रखे हुए है। वर्ष 2007 में एसआई बने चंद्रवंशी शाजापुर जिले के रहने वाले थे। उनकी मौत से पुलिस महकमे में शोक की लहर और भय का माहौल भी है। उल्लेखनीय है कि इस समय डॉक्टर और पुलिसकर्मी ही कोरोना के मोरचे पर सबसे अधिक जिम्मेदारी के साथ जूझ रहे हैं।