कोरोना वायरस का क़हर दुनियाभर में जारी है। अब तक 71,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व में संक्रमित मरीज़ों की संख्या तो 13 लाख से ज्यादा हो चुकी है। विश्व भर में सबसे अधिक संक्रमित मरीज़ अमरीका में मिले हैं। उसके बाद स्पेन, इटली और जर्मनी का नंबर है। इटली में अब तक सबसे अधिक मौतें हुई हैं। वहां कोरोना वायरस के कारण तक़रीबन 15,800 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल मरीज़ों की संख्या 4067 हो चुकी है। इससे 109 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 291 लोग ठीक भी हुए हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी सांसदों के वेतन में एक साल तक 30 फ़ीसदी की कटौती का अध्यादेश मंजूर हो चुका है।
इटली में उम्मीद की जा रही थी कि मरने वालों की संख्या कम होगी, लेकिन सोमवार को यहां रविवार की तुलना में 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। सोमवार को इटली में कोरोना वायरस से 636 लोगों की मौत हुई है, जबकि रविवार को इसकी चपेट में 525 लोगों की मौत हुई थी। इसके साथ ही इटली में अब तक इस महामारी से 16,523 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस संक्रमण से दुनिया में सबसे ज़्यादा लोगों की मौत इटली में ही हुई है। इसके अलावा यहां एक लाख तीस हज़ार से ज़्यादा संक्रमित हैं। इस देश में संक्रमण के 3,599 नए मामले सामने आए हैं। स्पेन में अब तक 13,055, अमरीका में 9,653, फ्रांस में 8,093 और ब्रिटेन में 4,943 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना वायरस कोविड 19 संक्रमण के 693 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही भारत में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा अब 4,067 तक पहुंच गया है। कुल संक्रमितों में 1,445 मामलों का संबंध दिल्ली के निज़ामुद्दीन में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल संक्रमितों में 76 फीसदी पुरुष हैं जबकि 24 फीसदी महिलाएं हैं। वहीं मृतकों में 73 फीसदी पुरुष और 27 फीसदी महिलाएं हैं। अब तक भारत में कोरोना के कारण कुल 109 लोगों की मौत हुई है जिनमें 63 फीसदी की उम्र 60 साल से अधिक बताई जा रही है।
इस बीच छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित 10 में से 9 मरीज़ों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एम्स के अधीक्षक डॉ. किरण पिपरे का कहना है कि छत्तीसगढ़ में एक भी संक्रमण का मामला ऐसा नहीं था, जिसमें किसी मरीज़ को वेंटिलेटर पर रखने की ज़रुरत पड़ी हो। चिकित्सकों का कहना है कि अधिकांश मरीज़ों को सामान्य दवाएं दी गईं थीं। लंदन से 15 मार्च को भारत लौटी रायपुर की 23 साल की युवती को कोरोना पॉज़िटिव पाये जाने के बाद रायपुर के एम्स में भर्ती कराया गया था। लगभग 15 दिनों के इलाज के बाद उन्हें 3 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी दी गई। 19 मार्च को एक मरीज़ के कोरोना पाज़िटिव आने के बाद 25 मार्च को एक साथ पांच नये कोरोना मरीज़ों की पहचान की गई। इनमें तीन मरीज ऐसे थे, जो विदेश से लौटे थे। लंदन से लौटी रायपुर के बैरन बाजार इलाके की 27 वर्षीय युवती को इलाज के लिये रायपुर के एम्स में भर्ती कराया गया। इसी तरह थाइलैंड से लौटे राजनांदगांव के 24 वर्षीय युवक को भी उसी दिन अस्पताल में भर्ती किया गया। एक अन्य महिला मरीज बिलासपुर में मिली। 64 वर्षीय यह महिला सउदी अरब से लौटी थी।
उन्हें बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन यानी 26 मार्च को राजधानी रायपुर में 68 वर्षीय एक ऐसे व्यक्ति को कोरोना पॉज़िटिव पाया गया, जिनकी कोई ‘ट्रैवल हिस्ट्री’ नहीं थी। आम तौर पर घर पर ही रहने वाले इस बुजुर्ग में संक्रमण के बाद छत्तीसगढ़ में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जताई गई थी। हालांकि इस बुजुर्ग को 31 मार्च को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन यह आज भी रहस्य ही बना हुआ है कि बुजर्ग में कोरोना का संक्रमण कहां से आया। इसी दौरान दो और मरीज़ कोरबा और रायपुर से भर्ती कराये गये। राज्य में कोरोना से संक्रमित एक मामला 4 अप्रैल को कोरबा से आया, जहां महाराष्ट्र से आए तबलीगी जमात के एक 16 वर्षीय किशोर को कोरोना पॉज़िटिव पाया गया। आज की तारीख़ में कोरोना वायरस से संक्रमित एकमात्र मरीज़ 16 साल का किशोर है, जिसका इलाज एम्स में चल रहा है। किशोर की हालत स्थिर बताई गई है।